आगरा: गुरुवार को ताजनगरी में अर्जुन नगर मे स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में एक विशाल सत्संग का आयोजन किया गया। यहाँ दिल्ली से आये महान संत अब्दुल गफ्फार ने अपने प्रवचनों से भक्तो को जीवन के मूलभूत सिद्धांतो के बारे में बताया। श्री गफ्फार ने कहा कि सत्संग करने के बाद हमारे जीवन मे कई परिवर्तन आते है। इसकी बदौलत मनुष्य समाज मे बैठना व अच्छे व्यवहार से परिपूर्ण होता है। मनुष्य जीवन का लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति करना है। इसके लिए सत्संग में आना अनिवार्य है। यदि ज्ञान लेने के बाद हमारे जीवन मे परिवर्तन आया है, तभी मुबारक है। जब तक मनुष्य निराकार प्रभु में अपना ध्यान जोड़कर एक नही हो जाता तब तक परमात्मा की प्राप्ति नही हो सकती।
मन को छल-कपट रहित बनाना ही असली धर्म…
सत्संग गुरु श्री गफ्फार ने भक्तो को साफ मन का रहने के लिए कई महत्वपूर्ण मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि श्री रामचन्द्र जी का कहना था कि मुझे छल-कपट वाला इंसान अच्छा नही लगता है। उन्होंने भक्तो को उदाहरण देते हुए समझाया कि एक बार कोई व्यक्ति किसी सज्जन व्यक्ति को गालियां दे रहा था। उस सज्जन व्यक्ति ने उसकी गालियों का कोई जवाब नही दिया। तभी पास खड़े एक अन्य व्यक्ति ने उस सज्जन से पूछा कि आपने उसकी गालियों का कोई जवाब क्यों नही दिया…? तो सज्जन व्यक्ति ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आपको उपहार दे और आप उसे स्वीकार न करे तो वह व्यक्ति क्या करेगा…? तो उसने जवाब दिया कि वह अपना उपहार वापिस लेकर चला जायेगा। सज्जन ने कहा इसी प्रकार मैंने भी उस व्यक्ति की गालियां स्वीकार नही की। इस प्रकार वह गालियां उसके साथ वापिस चली गयी।