दक्षिण के राजा गणेश महोत्सव में गणपति बप्पा की नारों गुंज
कानपुर दक्षिण के बर्रा विश्वबैंक जे सेक्टर 15 वाँ विशाल गणेश महोत्सव,शुक्ला गंज से आई पार्टी ने भजन कीर्तन और नृत्य से माहौल को गणेशायमय बना दिया, आज के कार्यक्रम में प्रमुख रुप से आये कानपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित, व उनकी पत्नी प्रतिमा दीक्षित ने कार्यक्रम की शोभा और बढ़ा दी , काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थेइस महोत्सव में पहुचें कानपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित जी, व उनकी पत्नी प्रतिमा दीक्षित ने गणेश भगवान की पुजा अर्चना की व भक्तो के साथ गणपति बप्पा का नाम लेकर भक्तो के साथ झूम उठे,इस कार्यक्रम में जन अधिकार एसोशिएशन (भारत) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश त्रिपाठी (मामा जी) सुशील मिश्रा,सुधीर तिवारी,उमेश शर्मा,संदीप सचान,वैभव मिश्रा,स्वदेश पांडेय, अखिलेश त्रिवेदी,विकास श्रीवास्तव, ने प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित व उनकी पत्नी प्रतिमा दीक्षित को बप्पा की चुनरी डाल भगवान मुर्ती चिन्ह भेट कर सम्मानित किया,वही मौके पर बर्रा सबइंस्पेक्टर सन्तोष कुमार ओझा को अवनीश दीक्षित जी ने बप्पा की चुनरी भेट कर भगवान मुर्ती चिन्ह भेट कर सम्मान किया,इस दक्षिण के राजा महोत्सव के पडांल में छोटे बड़े झूले, सर्कस व पुरा मेला के रूप में देखने को मिलता हैं, यहा दक्षिण के आस पास गांव के व शहर के हर साल के भाति समाज और समुदाय के लोग इस त्यौहार के रूप में मनाने के लिए बौद्धिक भाषण, कविता, नृत्य, भक्ति गीत, नाटक, सगींत समारोहों, लोक नृत्य करना, आदि क्रियाओं को सामूहिक रूप से करते हैं, लोग तारीख से पहले एक साथ मिलते हैं ओर महोत्सव मनाने के साथ ही साथ यह भी तय करते हैं कि इतनी बड़ी भीड़ को कैसे नियंत्रण करे,हजारों की संख्या में भक्त गण पडांल में महोत्सव में उपस्थित होते हैं, जिसमे खास तौर से महिलायें बहन बेटियों को अलग से बैठने की सुविधा मुहैया कराने का कार्य कमेटी के लोग अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, गणेश महोत्सव की अन्य कई कहानियां है पर यदि सभी कहानियों का सर्वेक्षण करें तो यही मत प्रकाशित होते है की
लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में भारतीयों को एकजुट करने के लिए गणेश महोत्सव का आयोजन सर्वप्रथम किया था। जिसमें उन्हें भारतीयों को एकत्र करने में गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और उन्हें सफलता भी मिली थी तब से गणेश महोत्सव धीरे – धीरे पूरे राष्ट्र में मनाया जाने लगा है
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार श्री वेद व्यास ने भादव चतुर्थी से महाभारत कथा श्री गणेश को लगातार 10 दिन तक सुनाई थी जिसे श्री गणेश जी ने अक्षरश: लिखा था10 दिन बाद जब वेद व्यास जी ने आंखें खोली तो पाया कि 10 दिन की अथक मेहनत के बाद गणेश जी का तापमान बहुत अधिक गर्म हों गया । वेद व्यास जी ने गणेश जी को तुरंत निकट के एक कुंड में ले जाकर डुबकी लगवाकर शीतल किया था। इसलिए गणेश स्थापना कर चतुर्दशी को उनको शीतल किया जाता है।