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निजीकरण के खिलाफ बैंक बंद

निजीकरण के खिलाफ बैंक बंद

बैंकों के निजीकरण के खिलाफ श्रावस्ती में सोमवार को बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल कर सरकार के प्रति विरोध जताया। हड़ताल के कारण पहले दिन लगभग 50 लाख रुपए का कारोबार प्रभावित हुअा। ट्रेड यूनियनों के संयुक्त दल यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंककर्मी दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों में ताला बंद रहे, जबकि कई एटीएम बंद होने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हुई। बैंक कर्मियों का कहना है कि सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि सरकारी क्षेत्र के सर्व सुलभ बैंकिंग सेवा करते हुए राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। राष्ट्रीयकरण के पश्चात कृषि क्षेत्र में बैंकों की मदद से हरित क्रांति सफल हुई। छात्राओं, महिलाओं, गरीबों, किसानों के उत्थान के लिए इन बैंकों द्वारा लगातार ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। शून्य बैंलेंस पर करोड़ों जनधन खाता खोलकर कीर्तिमान स्थापित किया गया है। अगर सरकारी क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण हुआ तो सोशल बैंकिंग समाप्त हो जाएगी। सरकार द्वारा निजीकरण का निर्णय केवल कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया है।

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