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149 साल बाद आयी महाशिवरात्रि, जानिए क्या है दिव्य संयोग

शिव पार्वती के विवाह की शुभ रात बुधवार महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है। इस दिन भक्त उत्साह से शिव पूजा अर्चना करते हैं। खास बात यह है कि महाशिवरात्रि दुर्लभ संयोग में मनाई जाएगी।

महाशिवरात्रि;  हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखा जाता है।

महाशिवरात्रि पर विधि-विधान से शिव-गौरी की पूजा की जाती। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
जयपुर के ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही सृष्टि की रचना हुई थी, साथ ही इसी दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि 2025 इस साल बुधवार 26 फरवरी को पड़ रही है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और मंदिरों में शिवजी का जलाभिषेक करते हैं (Maha Shivaratri 2025 Yog)
वहीं शिवपुराण के मुताबिक ब्रह्मा और विष्णु का विवाद शांत कराने के लिए इसी दिन शिवजी शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसी वजह से इस तिथि पर महाशिवरात्रि मनाई जाती है। लेकिन साल 2025 में महाशिवरात्रि बेहद खास है। 60 साल बाद इस साल महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है।
इस दिन सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुंभ राशि में स्थित रहेंगे। इन तीनों ग्रहों की युति और महाशिवरात्रि का योग 2025 से पहले 1965 में बना था। मान्यता है कि ग्रहों के इस दुर्लभ योग में शिव पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं।
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