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सीजेआई ने कहा- जरूरत पड़ी तो जा सकता हूं घाटी

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद घाटी सहित देश के कई नेताओं और  संगठनों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इनमें जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 को चुनौती देने के साथ ही कई अन्य मामले भी शामिल थे। जिनमें से एमडीएमके अध्यक्ष वाइको, कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक सहित अन्य की याचिकाओं पर सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने कई याचिकाओं पर सुनवाई की। सभी याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा। बता दें कि एमडीएमके के अध्यक्ष वाइको ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की रिहाई को लेकर याचिका दाखिल की थी। जिसपर अदालत ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर को नोटिस जारी किया। इसके अलावा कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक ने घाटी में समाचार पत्र निकालने को लेकर हो रही परेशानी पर याचिका दायर की थी। वहीं एक याचिका में दावा किया गया था कि घाटी के लोगों को चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल रही हैं सभी याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा। अदालत ने गुलाम नबी आजाद को चार जिलों की यात्रा करने की भी मंजूरी दे दी है उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यनमंत्री गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग और जम्मू जाने की इजाजत दे दी है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, ‘जो उन्होंने लिखित में दिया है उसके अनुसार वह कोई भाषण नहीं देंगे और न ही कोई सार्वजनिक रैली करेंगे अपनी यात्रा के दौरान आजाद लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं

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