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Crime;गोरक्षक बनकर भैस लदे वाहन चालकों से वसूली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

अपराध का तरीका और रणनीति अभियुक्त सुनसान स्थानों को चुनकर वाहन चालकों को फंसाते हैं और अपने गिरोह के अन्य साथियों के साथ मिलकर वसूली करते हैं। उनके पास हूटर लगी स्कॉर्पियो है जिससे वे खुद को सरकारी अथवा विशेष दल का सदस्य दर्शाते हैं।

Uttar Pradesh ; यूपी के कौशाम्बी जिले में गौरक्षा के नाम पर अवैध वसूली करने वाले एक गिरोह का मंझनपुर पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों पर भैंस लदे वाहनों को जबरन रोककर खुद को गोरक्षक दल का सदस्य बताकर पैसे वसूलने का आरोप है। पुलिस ने इनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त काले रंग की स्कॉर्पियो (UP73AF6214) भी बरामद कर ली है। इस संबंध में थाना मंझनपुर पर अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश की जा रही है।

मामला 21 मई की रात का है, जब एक पीड़ित व्यक्ति ने थाना मंझनपुर में सूचना दी कि वह अपने वाहन में भैंस लादकर अझुआ बाजार बेचने जा रहा था। इसी दौरान महाबली हनुमान मंदिर, एदिलपुर मार्ग पर एक काली स्कॉर्पियो से आए कुछ लोगों ने हूटर बजाकर वाहन को ओवरटेक कर रोका और खुद को गोरक्षक बताते हुए 20 हजार रुपये की मांग की। विरोध करने पर आरोपियों ने पीड़ित के साथ गाली-गलौज करते हुए लाठी से मारपीट की, जिससे उसे चोटें आईं।

पीड़ित की तहरीर पर मंझनपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया इसी बीच पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एक टीम गठित कर आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। 22 मई को मुखबिर की सूचना पर मंझनपुर पुलिस ने दो अभियुक्तों संगम पांडेय पुत्र राजबहादुर पांडेय निवासी रूपनरायणपुर थाना सैनी और शनि मौर्य पुत्र मिथिलेश मौर्य निवासी गुलामीपुर गनपा थाना सैनी को टेवा रोड स्थित मंडी गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे और उनके अन्य साथी, सर्वेश लोधी, प्रदीप सरोज और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति मिलकर गाड़ियों की रेकी करते हैं। रात में जानवर लदी गाड़ियों को स्कॉर्पियो से पीछा कर सुनसान जगहों पर रोकते हैं। फिर खुद को गोरक्षक बताकर पुलिस का भय दिखाते हैं और पैसे की मांग करते हैं। पैसे नहीं देने पर मारपीट की जाती है। 21 मई की रात भी इसी तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया था। गांव वालों के इकट्ठा होने पर आरोपी फरार हो गए थे।

अपराध का तरीका और रणनीति अभियुक्त सुनसान स्थानों को चुनकर वाहन चालकों को फंसाते हैं और अपने गिरोह के अन्य साथियों के साथ मिलकर वसूली करते हैं। उनके पास हूटर लगी स्कॉर्पियो है जिससे वे खुद को सरकारी अथवा विशेष दल का सदस्य दर्शाते हैं।

पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने मामले के शीघ्र अनावरण पर टीम को सराहना दी है।

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