कटरी के पहले स्कूल की नींव भी डाली थी प्रधान कार्यकाल में रामदास ने आज शिक्षा प्रतिशत बढ़ाने वाली अध्यापिका खुद मानती हैं कि शिक्षा बढ़ाने में बड़ा योगदान रामदास परिवार का
कटरी के पहले स्कूल की नींव भी डाली थी प्रधान कार्यकाल में रामदास ने आज शिक्षा प्रतिशत बढ़ाने वाली अध्यापिका खुद मानती हैं कि शिक्षा बढ़ाने में बड़ा योगदान रामदास परिवार का

गंगा बैराज को अलीशान पुल अटल घाट से ही मत आंकिए, असल गंगा बैराज तो कटरी के जनजीवन से आबाद है कवि की यह पंक्तियां गंगा बैराज के बसे कटरी के गांवों के आज और कल के जनजीवन में सटीक बैठती हैं। जिसमें यहां के जनजीवन को किस तरह से आग, बाढ़ की विभीषिका को झेल कर अपने व अपने परिवार को 21वीं सदी के भारत की यात्रा से जोड़ना पड़ा। जिसमें क्या खोया, क्या पाया? यहां के लोगों से ज्यादा कोई नहीं जान सकता किंतु उच्च प्राथमिक विद्यालय कटरी शंकरपुर सराय के सहायक अध्यापक अब्दुल कुदूदूस खाॅंं कहते हैं कि शिक्षा में इतनी मेहनत करने के बावजूद यहां का जीवन आज 21वी सदी के बावजूद सोलवीं सदी के भारत सा है। कितनी कटु सच्चाई उन्होंने अपने लफ्जो में बयां की जिसमें हकीकत भी है। बहरहाल आजकल कटरी के गांव में पंचायत चुनाव की नजदीकियां साफ- साफ दिख रही हैं। जिसमें कटरी शंकर ग्राम पंचायत सीट से पूर्व प्रधान रामदास की पत्नी ननकी देवी का प्रचार रथ निकल चुका है। श्रीमती ननकी देवी महिलाओं की टोली लेकर घर-घर जाने लगी हैं। हालांकि जहां क्षेत्र में शिक्षा की बात आती है तो शिक्षा का प्रचार प्रसार कर रही, शिक्षक -शिक्षिकाएं यह न कहती कि वाकई में कटरी के गांव में शिक्षा का उजाला फैलाने के सहयोग में बड़ा नाम पूर्व प्रधान रामदास का है। जिनकी अथक मेहनत से कटरी का शिक्षा प्रतिशत शत प्रतिशत तक पहुंच सका है। जिसमें छात्राओं की तादाद कम नहीं है।कटरी शंकरपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती शशि मिश्रा कहती हैं कि 2008 में जब स्कूल की नींव तत्कालीन प्रधान रामदास ने डाली थी, तब यही कहा था कि हम लोग हमारे गांव वाले जरूर अनपढ़ हैं, किंतु उनके बच्चे अनपढ़ न रहे। जितनी मेहनत करेगी उतनी ही दुआ मिलेगी। जहां कहीं भी हमारे सहयोग की जरूरत आवे कहने में हिचकिचाना नहीं इसी का परिणाम यह है कि आज कटरी के गांवों के सभी स्कूलों की शिक्षा प्रतिशत उत्तर प्रदेश में नंबर एक पर है जिस पर यहां की प्रधानाध्यापिका शशि मिश्रा राम की भूमिका में तो सहायक अध्यापक अब्दुल कुदूदूस रहीम की भूमिका में प्रदेश सरकार से कई अवार्ड भी प्राप्त कर चुके हैं। जिसमें प्रधानाध्यापिका शशी मिश्रा को प्रदेश में शिक्षा का उजाला फैलाने में पहला पुरस्कार मिला। जो कानपुर के किसी प्राथमिक शिक्षक को 30 साल बाद मिला इससे पूर्व में मलाला पुरस्कार भी पा चुकी हैं।
साधारण अध्यापक अब्दुल कुदुदूस खां भी पूर्व प्रधान रामदास के शिक्षा के प्रति किए गए कार्यों के कायल दिखे। यही हाल इस कटरी के अन्य स्कूलों का था।प्रधान पद हेतु खड़ी पूर्व प्रधान रामदास की पत्नी ननकी देवी के बेटे राजेंद्र निषाद कहना है कि अगर अब की जीत हुई तो इंटर कॉलेज व जिनके पास ज़मीनें नहीं है। उनके पट्टे कराने का प्रयास प्राथमिकता से करेंगे।
हालांकि इस बार भी शिक्षा के साथ तमाम सारे विकास कार्यों का उन्होंने दावा किया।

