वृहत्तर भारत के अनेक स्थलों पर हैं नाथ सम्प्रदाय के मठ और धूना, डीडीयू तैयार
वृहत्तर भारत के अनेक स्थलों पर हैं नाथ सम्प्रदाय के मठ और धूना, डीडीयू तैयार

वृहत्तर भारत के अनेक स्थलों पर हैं नाथ सम्प्रदाय के मठ और धूना, डीडीयू तैयार दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षाभवन में ‘नाथ सम्प्रदाय के वैश्विक प्रदेय’ विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारम्भ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वृहत्तर भारत के अनेक स्थलों पर नाथ सम्प्रदाय के मठ और धूना हैं. भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान में भी गुरु गोरखनाथ का मंदिर और धूना है. उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ऐसे स्थलों का मानचित्र और विश्वकोष तैयार कर रहा है. प्रथम संस्करण का आज लोकार्पण हुआ है. हमें नाथ सम्प्रदाय के साथ हर क्षेत्र के आसपास के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को डिजिटलाइजेशन के साथ विश्वकोष तैयार करना है. गोरखपुर विश्वविद्यालय को इसके लिए बधाई देता हूं.इस अवसर पर उन्होंने अर्न बाय लर्न, संगोष्ठी की स्मारिका और विवरणिका का विमोचन, नाथपंथ का विश्वकोश के प्रथम संस्करण और मानचित्र का विमोचन किया. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अंग्रेजी में कृषि और नाथ पंथ पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली स्नेहा तिवारी को 25 हजार का पुरस्कार, द्विवतीय स्थान प्राप्त करने वाली अंजलि सिंह को 15 हजार, तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले सुरेंद्र प्रजापति को 10 हजार और 10 सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए. ‘नाथ पंथ का वैश्विक प्रदेय’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी के लिए कुलपति प्रो. राजेश सिंह और पूरा विश्विद्यालय इसके लिए साधुवाद का पात्र हैं.
महामना और स्वामी विवेकानंद ने जिस शिक्षा की बात की है हमें उसे आत्मसात करके चलना चाहिए. आज के शिक्षक प्रोफेशनल नहीं बनें. वे मिशन की तरह उसे लेकर चलें. विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल बने. राष्ट्रीय शिक्षा नीति अध्यात्म, योग और वैदिक नियमों के साथ हमारी भारतीय भाषा पर जोर देती है. नए परिवेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अंतर विश्विद्यालय और महाविद्यालयों में दिखाई देगा.