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डॉक्टर की लापरवाही से 6 माह के बच्चे की मौत

डॉक्टर की लापरवाही से 6 माह के बच्चे की मौत

खनियाधाना :डॉक्टर की लापरवाही से 6 माह के बच्चे की मौत शहर के जिला चिकित्सालय में आज उस समय अफरा-तफरी मच गई जब शाम 6:00 बजे एक 6 माह के बच्चे का डॉक्टर ओपी शर्मा जो की हड्डी वाले डॉक्टर हैं के द्वारा इलाज में लापरवाही बरती और इसके बाद 6 माह के बालक की मौत हो गई यहां बताना होगा कि आज परिजन उसको हंसते खेलते और दूध पिलाते हुए लेकर आए थे और बच्चे के दोनों पैर जो कि पढ़े थे जिन पर पलस्तर चढ़ा हुआ था और दोनों पैरों का प्लास्टर जिला चिकित्सालय में पदस्थ नरेंद्र शर्मा और डॉक्टर ओपी शर्मा के द्वारा इलाज किया जा रहा था लेकिन इलाज के दौरान छह माह की बालक की मौत हो गई परिजनों का साफ कहना है कि अपने बालक को वह हंसते खेलते लेकर अस्पताल आए थे और बच्चा दूध भी पी रहा था इधर डॉक्टर ओपी शर्मा का कहना है कि बच्चे की जान लापरवाही से नहीं गई बल्कि बोमेट होने से फेफड़ों में दूर चला गया और घाव होने से शरीर में खून फैल गया और उसकी मौत हो गई, डॉक्टर के अनुसार बालक की मौत शाम 6:00 बजे हुई है, इस पूरे मामले पर जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ राजकुमार ऋषि स्वर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ए एल शर्मा मैं अपना मुंह बंद कर लिया…? जानकारी के अनुसार आजाद पुत्र राजेश आदिवासी उम्र 6 माह थाना बामौर कलाँ तहसील खनियाधाना परगना पिछोर गांव किसलोनी स्टेशन पिपरा गांव का पिछले 21 दिन से जिला चिकित्सालय के भीतर इलाज चल रहा था शुरुआती दिनों में डॉक्टर ओपी शर्मा ने दोनों पैर में प्लास्टर चला दिया था इसके बाद आज वह दोबारा से इलाज कराने के लिए जिला चिकित्सालय आए थे इसके बाद शाम 4:00 बजे जिला चिकित्सालय के प्लास्टर कक्ष में तैनात नरेंद्र शर्मा के द्वारा डॉक्टर ओपी शर्मा को फोन लगाया गया कि बच्चे की हालत सीरियस है इसके बाद डॉक्टर ओपी शर्मा जिला चिकित्सालय पहुंचे और बच्चे का इलाज शुरू किया लेकिन इलाज के दौरान वह बच्चे को नहीं बचा सके इस घटना में एक तरफ परिजनों का आरोप है कि हम बच्चे को हंसता खेलता और दूध पिलाता लेकर आए थे और डॉक्टर ने हमारे बच्चे को मारा है वही डॉक्टर का कहना है कि इलाज के दौरान जो पर्ची है वह चेक कर लिए जाएं और अगर जांच कराई जा रही है तो जांच भी कराने के लिए मैं तैयार हूं इस पूरे मामले में जिला प्रशासन के किसी बड़े अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया वहीं जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी ध्यान नहीं दिया एक तरफ कांग्रेस इस मामले पर अपना हाथ रख सकती है वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी इस मामले पर जांच की बात कर सकती है लेकिन दोनों ही प्रमुख पार्टियों के जनप्रतिनिधियों ने इस पूरे मामले पर हाथ नहीं रखा और आखिर में परिजन 6 माह के बच्चे की लाश को अपने हाथों में उठा कर घर ले जाने के लिए मजबूर बने हुए हैं

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