Shahjahanpur

कुदरत की मार से बेटे के लिए दर्द की ठोकरें खानें को मजबूर एक बुज़ुर्ग माँ

कुदरत की मार से बेटे के लिए दर्द की ठोकरें खानें को मजबूर एक बुज़ुर्ग माँ

शाहजहाँपुर :कुदरत की मार से बेटे के लिए दर्द की ठोकरें खानें को मजबूर एक बुज़ुर्ग माँ उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहाँपुर की ब्लॉक भावल खेड़ा की ग्राम पंचायत रौरा से एक ऐसा मामला सामनें निकलकर आया है। जहाँ इसे कुदरत की मार कहा जाए या किस्मत का लेखा हमारे देश की सरकारें भले ही लंबे लंबे वायदे कर रहीं हों लेकिन जमीनी स्तर पर उसकी हकीकत कुछ और ही है। जहाँ स्वास्थ्य योजनाओं के ढोल बजाकर अपनी पीठ थपथपानें वाली यूपी सरकार एवं उसके प्रतिनिधि विधायक मात्र अपनें अपनें घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। लेकिन किसी मजबूर लाचार की बेबसी दिखाई नहीं पड़ रही है। इसका सटीक उदाहरण रौरा गांव निवासी गरीब विधवा बुजुर्ग मंजू जोकि अपने 18 वर्ष के बेटे के इलाज के लिए इधर-उधर भटक रही है। और उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिल पा रही है, मंजू के पति की 30 साल पहले मौत हो चुकी है। पति की मौत के बाद दो बेटियों की शादी की और एक 18 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रही है। जनपद के ब्लॉक भावल खेड़ा की ग्राम पंचायत रौरा में एक ऐसा परिवार है, जिनके पास न रहने के लिए छत है, और ना ही शौच के लिए शौचालय ना कोई पेंशन योजना वैसे तो ग्राम प्रधान और शाहजहांपुर के समाजसेवी जनप्रतिनिधि सोशल मीडिया व्हाट्सएप इंस्टाग्राम पर मानवता की मिसाल पेश करते आये दिन नजर आते हैं, लेकिन इस गरीब परिवार की दास्तान सुनने वाला कोई नहीं।

Related Articles

Back to top button
Bharat AtoZ News
Close