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मकर संक्रांति से सफला एकादशी तक जनवरी में पड़ेंगे ये व्रत….

मकर संक्रांति से सफला एकादशी तक जनवरी में पड़ेंगे ये व्रत....

पौष अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंड दान करने की भी परंपरा है। ऐसे में पौष माह भगवान सूर्य और पितरों को समर्पित रहेगा।

सनातन धर्म में हरवार, हर त्योहार और हर माह का अपना अलग-अलग स्थान व महत्व है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद पौष माह की शुरूआत हो गई है। भगवान सूर्य और पितरों को समर्पित माह में सूर्य की आराधना के साथ ही पितरों के तर्पण से शुभ फल की प्राप्ति होती है। पौष माह का समापन 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ होगा।

काशी के पंचांगों के अनुसार पौष माह में वर्ष की सबसे पहली एकादशी सफला एकादशी, संकष्टी चतुर्थी, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इसके साथ ही पौष अमावस्या, लोहड़ी और मकर संक्रांति के त्योहार भी सबसे प्रमुख हैं। पौष अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंड दान करने की भी परंपरा है। मकर संक्रांति पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इसी के साथ खरमास समाप्त हो जाता है।

पौष माह के व्रत और त्योहार
30 दिसंबर- अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
03 जनवरी- मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
04 जनवरी- कालाष्टमी
07 जनवरी- सफला एकादशी
09 जनवरी- प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
11 जनवरी- पौष अमावस्या
14 जनवरी- गणेश चतुर्थी, लोहड़ी
15 जनवरी- मकर संक्रांति
16 जनवरी- बिहू, स्कंद षष्ठी
17 जनवरी- गुरु गोबिंद सिंह जयंती
18 जनवरी- मासिक दुर्गाष्टमी
20 जनवरी- मासिक कार्तिगाई
21 जनवरी- तैलंग स्वामी जयंती
21 जनवरी- पौष पुत्रदा एकादशी
22 जनवरी- कूर्म द्वादशी
23 जनवरी- सुभाष चन्द्र बोस जयंती
23 जनवरी- प्रदोष व्रत
25 जनवरी- पौष पूर्णिमा

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