
बुलंदशहर:गाजियाबाद में नहीं मिली दाह संस्कार की जगह। कोविड का दूसरा पहर कितना खतरनाक और कितना भयानक हैं, इसकी तस्वीरें लखनऊ दिल्ली गाजियाबाद और तमाम कई बड़े शहरों के श्मशान घाटों से आ रही तस्वीरों से पता चलता हैं, मगर संक्रमण का दूसरा पहर ग्रामीण क्षेत्रों में जितनी तेजी से फैल रहा है उतनी तेजी से छोटे शहरों में भी तस्वीरें बदलने लगी हैं। दिल्ली से 70 किलोमीटर दूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक शमशान ग्रह पर सुबह से देर रात तक चिताओं का सिलसिला जारी हैं।
जिनमें से आधे से ज्यादा कोविड-19 संक्रमण से मौत होना बताई जा रही हैं। आलम यह है कि गाजियाबाद में शनिवार को खत्म हुए एक शख्स को दाह संस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा जिसके चलते गाजियाबाद में दाह संस्कार का स्थान न मिलने पर शव का बुलंदशहर में रविवार दोपहर अंतिम संस्कार किया गया।
मगर बीते कुछ दिनों से दाह संस्कार ओं की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब दाह संस्कार खुले स्थान में भी कराया जा रहा हैं। शमशान ग्रहों की हालत यह है कि गाजियाबाद में शनिवार को भीषम मलिक की मौत हो गई। मगर वेटिंग में रविवार सुबह तक उन्हें गाजियाबाद में दाह संस्कार के लिए स्थान नहीं मिला। यहां तक कि गढ़मुक्तेश्वर में भी परिजनों ने पता कराया ।मगर वहां भी वेटिंग की लिस्ट लंबी थी। तो लिहाजा मृतक विषम मलिक के रिश्तेदारों ने बुलंदशहर दाह संस्कार के लिए बुलंदशहर श्मशान गृह कमेटी से सिफारिश की तब जाकर मृतक का बुलंदशहर में दाह संस्कार रविवार दोपहर हो सका।