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फ्रांस ने पेगासस को आपराधिक मामला मानते हुए जांच शुरू कर दी वहीं भारत में पेगासस मामले को जासूसी ही नहीं माना जा रहा

फ्रांस ने पेगासस को आपराधिक मामला मानते हुए जांच शुरू कर दी वहीं भारत में पेगासस मामले को जासूसी ही नहीं माना जा रहा

फ्रांस ने पेगासस को आपराधिक मामला मानते हुए जांच शुरू कर दी
वहीं भारत में पेगासस मामले को जासूसी ही नहीं माना जा रहा

पेगासस मामला पूरी दुनिया में चर्चा में है। 16 मीडिया समूहों की साझा पड़ताल के
बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 10 देशों में नेताओं,
अफसरों और पत्रकारों के फोन की जासूसी की जा रही थी।

चूंकि, जासूसी करने वाले सॉफ्टवेयर की निर्माता कंपनी इस प्रोडक्ट को
सिर्फ सरकारों को ही उपलब्ध कराती है, इसलिए इसे लेकर खुद सरकार
सवालों के घेरे में है। भारत सरकार ने इस मामले में जांच से इंकार कर दिया है,
लेकिन फ्रांस में इस मामले की जांच भी शुरू हो गई है।

फ्रांस में इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म करने वाली संस्था मीडियापार के फाउंडर एडवी
प्लेनेल और उनकी सहयोगी पत्रकार लीनाग ब्रेडॉ के नाम भी उस लिस्ट में हैं,
जिनके फोन की पेगासस के जरिए जासूसी की गई।

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