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कानपुर : GSVM मेडिकल कॉलेज में तैयार हुआ ऐसा निडिल, अब रतौंधी जैसी लाइलाज बीमारी भी होगी दूर

मानव शरीर का सबसे नाजुक और अभिन्न अंग हमारी आंखें है। ऐसे में कई ऐसी आंखों की बीमारियां है जो अब तक लाईलाज थी लेकिन अब उन बीमारियों का भी हल और इलाज खोज निकाला है कानपुर के जीएसवीएम कॉलेज, बताते चले कि अब तक रतौंधी, सिरस PED जैसी आंखों की गंभीर बीमारी लगने के बाद इन्सान दुनिया की खूबसूरती देख पाने में असमर्थ होता था।

यकीन अब ऐसे मरीजों के लिए एशिया के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में शुमार कानपुर मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज खान ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है। जिसके माध्यम से दवा को हम आंखों की हर परत तक आसानी से पहुंचा सकते हैं, इस डिवाइस का नाम है ‘सुपर ख्योराइडल नीडल’, इस नीडल के तैयार होने के बाद भारत सरकार ने डॉ. परवेज खान को पेटेंट प्रमाण पत्र दिया है। डॉ. खान ने बताया कि यह प्रमाण पत्र मिलने के बाद आज मुझे लगा है कि मेरा परिश्रम अब सफल हुआ है।

डॉ. खान ने बताया कि इस नीडल को 2018 में बनाकर तैयार कर लिया गया था तब से इसका प्रयोग हम लोग अभी तक 5000 से अधिक मरीजों में कर चुके हैं। इसका प्रमाण देखने के बाद अब इसे पूरे भारतवर्ष में लाने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके बाद अब रतौंधी जैसी बीमारी भी दूर होगी डॉ. खान ने बताया कि आगामी 26 अगस्त को दिल्ली में पेपर एक्सपर्ट दिल्ली रेटिना फॉर्म में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई है।

जिसमें अंतरराष्ट्रीय डॉक्टर शामिल होंगे इसमें मेरी इस नीडल का प्रेजेंटेशन करने का मुझे पहली बार मौका मिल रहा है। डॉक्टर को बताना है कि इस नीडल का प्रयोग हम कैसे और किसी मरीज पर कर सकते हैं। जीएसवीएम कॉलेज के नाम दर्ज हुई इस उपलब्धि पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संजय काला ने बधाई देते हुए डॉ परवेज़ की जमकर प्रशंसा की।

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