पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद गौशालाओं की स्थिति हुई बदतर
पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद गौशालाओं की स्थिति हुई बदतर

लखनऊ:पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद गौशालाओं की स्थिति हुई बदतर।त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद गौशालाओं की स्थिति बद से बदतर होती चली जा रही है। प्रधानों का शपथ ग्रहण न होने से जिम्मेदार सचिव उनकी समुचित देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। जिससे आये दिन गौवंश मर रहे हैं। डाक्टरों की लापरवाही से मृत गौवंशों को कुत्ते नोंच रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का जैसे ही बिगुल बजा वैसे ही प्रधानों ने गौशालाओं से अपने हांथ उठा लिये थे। जिसके बाद गौशालाओं मे मौजूद गौवंशों की देखभाल सचिव व डाक्टरों की हो गयी थी। पंचायत चुनाव मे व्यवस्तता का हवाला देकर सचिव भी अपने दायित्वों से पीछे हटते रहे। जिससे गौवंशों को समय से न तो चारा मिल पाया और न ही समुचित इलाज।
गौवंशों की मौत तो हो गयी लेकिन शर्मशार तब होना पड़ा जब इन मृत गौवंशों को खुले मे डाल दिया गया और उन्हें कुत्ते नोंचते रहे है। डाक्टरों की टीम की लापरवाही तब उजागर हुयी कि इन्होंने उनका पोस्टमार्टम कर निस्तारण तक कराना उचित नहीं समझा।पशु आश्रय केन्द्र का अलग से खाता है। जिससे धनराशि आहरण के लिये सचिव व सहायक विकास अधिकारी पंचायत अधोहस्ताक्षरित है।इन्हीं के सम्मिलित खाते से रूपया आहरण किया जा रहा है।यही हाल विकास खण्ड़ मे बने पशु आश्रय केन्द्रों दौलतपुर, दिलावरनगर, बेलगढ़ा, माधवपुर, मलहा, पहाड़पुर का हाल है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां जो मजदूर इनकी देखभाल के लिये रखे गये हैं वहीं इनका सबकुछ करते हैं। इन केन्द्रों पर न तो डाक्टरों की टीम आती है, न सचिव और न ही ब्लाक के उच्चाधिकारी।