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मासूम के पैर में बंधा प्लास्टर कटवाने पहुंचे परिजन स्टाफ बोला आरी लो और खुद काटकर ले आओ

मासूम के पैर में बंधा प्लास्टर कटवाने पहुंचे परिजन स्टाफ बोला आरी लो और खुद काटकर ले आओ

मासूम के पैर में बंधा प्लास्टर कटवाने पहुंचे परिजन स्टाफ बोला आरी लो और खुद काटकर ले आओ

सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मासूम बच्चों की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही सामने आई है।
प्लास्टर रूम में प्लास्टर कटवाने पहुंचने वाले मासूम बच्चों का प्लास्टर उनके माता-पिता से कटवाया जा रहा है,
जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे कुछ मामले सोमवार को बीएमसी में सामने आए। इसमें माता-पिता अस्पताल की गैलरी में बैठकर अपने मासूम बच्चों के पैर पर बंधे प्लास्टर आरी से काटते हुए नजर आए। दरअसल, सोमवार दोपहर बीएमसी में प्लास्टर रूम के बाहर गैलरी में कुछ लोग बैठे थे। यहां खुरई से एक परिवार अपने करीब 2 वर्षीय बच्चे के पैर में बंधा प्लास्टर कटवाने के लिए आया था। वे प्लास्टर रूम में पहुंचे तो उन्हें आरी दे दी गई। कहा गया कि प्लास्टर खुद काटकर लाओ। इसी तरह अन्य लोगों भी मासूम बच्चों के प्लास्टर काटते हुए नजर आए। लोगों से जब बात की गई, तो उन्होंने कहा कि अंदर मौजूद स्टाफ ने प्लास्टर काटकर बच्चे को लाने का बोला है। मुझे और कुछ नहीं कहना है। पैर में बंधा प्लास्टर प्रशिक्षित व्यक्ति ही काट सकता है। ऐसे में अप्रशिक्षित माता-पिता से प्लास्टर कटवाना गंभीर लापरवाही है। अस्पताल में अपने मासूम बच्चे के पैर में बंधा प्लास्टर माता-पिता काट रहे थे। वे पानी की बोतल से प्लास्टर पर पानी डाल रहे थे और आरी से काट रहे थे। इस दौरान दर्द के कारण बच्चा रो रहा था। ऐसे में यदि बच्चे के पैर में आरी लग जाती तो खतरा हो सकता था। बीएमसी के अधीक्षक डॉ. एसके पिप्पल ने कहा कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो यह गलत है। माता-पिता से प्लास्टर नहीं कटवाया जाना चाहिए। मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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