
भारी वाहन लाइसेंस के लिए परेशान युवक ने लगाई फांसी लाइसेंस के लिए मांगे जा रहे थे 12 हजार रुपये
गंगापुर कालोनी निवासी मजदूर सतेंद्र कुमार का 25 वर्षीय बेटा आशीष पांडेय ऑटो चालक था।
सुबह माँ की नींद खुली तो देखा आशीष अपने बिस्तर पर नहीं था। छत पर जाकर देखा तो
उसका शव छज्जे के कुंडे के सहारे रस्सी के फंदे पर लटक रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव नीचे उतारा। मां पूनम ने बताया कि पति का स्वास्थ्य सही न होने से वह मजदूरी भी नहीं कर पाते। जिसकी वजह से बेटे आशीष पर पूरा परिवार चलाने की जिम्मेदारी थी। साथ ही छोटी बेटी शिवानी की शादी को लेकर भी परेशान था। जिसकी वजह से उसने कुछ माह पहले कर्ज पर एक पुराना ऑटो खरीदकर चलाना शुरू किया था। तीन माह पहले ऑटो खराब हो गया। जिसकी मरम्मत के लिए उसके पास रुपये नहीं थे। ऊपर से उसे ऑटो का कर्ज भी अदा करना था।जिसकी वजह से वह कुछ दिन भारी वाहन चलाकर रुपये कमाना चाहता था।।जिससे वह फिर ऑटो सही करा सके। जिसके लिए उसने आरटीओ दफ्तर में लाइसेंस को भारी वाहन लाइसेंस में परिवर्तित करने का आवेदन किया था। मां और स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते दो माह से आशीष आरटीओ दफ्तर के चक्कर काट रहा था। आरटीओ में उससे भारी वाहन लाइसेंस बनवाने के लिए 12 हजार रुपये मांगे गए। जबकि उसके पास आरटीओ दफ्तर पहुंचने के लिए किराया नहीं होता तो वह पैदल ही पहुंच जाता था। गुरुवार शाम को भी वह आरटीओ कार्यालय से वापस लौटा था और मायूस होकर बिस्तर पर लेट गया था।