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सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद नहीं रुक रहे तीन तलाक के मामले

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद नहीं रुक रहे तीन तलाक के मामले

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद नहीं रुक रहे तीन तलाक के मामले

कानपुर के नौबस्ता की रहने वाली पीड़िता दरख़्शा परवीन ने एक प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों को
बताया की उसकी शादी 1 सितम्बर 2008 को चकेरी थाना क्षेत्र के श्याम नगर में रहने वाले मोहम्मद असद कुरैशी पुत्र स्व समीममुद्दीन के साथ हुई थी। शादी के 13 साल बीत चुके है इसी बीच हमारे तीन बच्चे भी हुए दोनों में शादी के बाद से झगड़ा शुरू हो गया था,दरख़्शा का कहना है कि उसका पति असद आशिक़ मिजाज का व्यक्ति है उससे शादी से पहले वो एक हिन्दू लड़की को लेकर भाग कर शादी कर चुका था फिर शादी के बाद उसे इतना प्रताड़ित किया कि वो भाग गई उसके बाद फिर दूसरी महिला से शादी की फिर कुछ समय बाद उसे भी छोड़ दिया और तीसरी मैं हूं अभी भी वो बेवफाई कर रहा है। दरख़्शा का आरोप है कि उसका पति असद अपना नाम बदलकर कभी आशु तो कभी आशीष बनकर भोली-भाली लड़कियों को फ़ासता है फिर उनके अश्लील 2008 तलाक का केस दर्ज कराया। लेकिन उसके राजनीतिक रसूक के चलते पुलिस कोई कार्यवाही नही कर रही है।शादी के 13 सालो तक मारपीट और रोज रोज के झगड़ों का अंत तीन तलाक के रूप में सामने आया है। दरख़्शा तलाक देने वाले पति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए इंसाफ की गुहार दर दर भटकने को मजबूर है।

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