
वैष्णो देवी मंदिर भगदड़ में गोरखपुर के डॉक्टर की मौत
वैष्णो देवी में 31 दिसंबर की रात हुई भगदड़ में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर
जिले के रहने वाले पूर्व प्रधान का इकलौता चिराग भी बुझ गया।
चौरीचौरा के रामपुर बुजुर्ग गांव के रहने वाले पूर्व प्रधान सत्यप्रकाश सिंह के इकलौते बेटे डॉ. अरुण प्रताप सिंह की भी हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। अरुण शादी के बाद पहली बार अपनी पत्नी अर्चना सिंह को लेकर वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए थे। बीते 2 दिसंबर को उनकी शादी कुशीनगर जिले के पकड़ी गांव की रहने वाली अर्चना सिंह से हुई थी।डॉ. अरुण यहां शहर में शाहपुर इलाके के जेल बाइपास रोड पर हिंद हॉस्टिपटल चलाते थे। वे अपनी पत्नी के साथ शहर में ही रहते थे, जबकि माता और पिता गांव में रहते थे। परिवार में रुद्र के अलावा उनकी एक छोटी बहन भी हैं।साल के पहले दिन शनिवार की सुबह रुद्र की मौत की खबर आते ही पूरे गांव में मातम छा गया। आसपास के गांव के लोग भी उनके घर पहुंच गए। रुद्र के पिता पूर्व प्रधान सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि अभी बीते 2 दिसंबर को उनकी धूमधाम से शादी की थी। शादी के बाद से बच्चों का बाहर घूमने का प्लान था लेकिन रुद्र का कहना था कि पहले मां वैष्णो देवी का दर्शन करेंगे, इसके बाद ही कहीं और जाएंगे इसलिए उन्होंने नए साल का टूर और हनीमून एक साथ प्लान किया था।लेकिन किसी को क्या पता था की उनकी खुशियां यूँ मातम में बदल जाएँगी ,लेकिन किस्मत को शायद यही मंज़ूर था।