राजगढ़ का एम बेवफा चायवाला…कहानी सुन दिलजले आशिक रो देंगे ?
हजारों दुआओ में मांगकर भी वो मेरी ना हो सकी, और एक खुश नसीब ने बिना मांगे उसे अपना बना लिया...प्यार में वो बेवफा हो गई तो दिल का दर्द शायरी बन कर दीवारों पर चिपक गया...इश्क गहरा था लिहाजा आशिक ने प्रेमिका को चिढाने के लिए चाय की दुकान खोल ली.

हजारों दुआओ में मांगकर भी वो मेरी ना हो सकी, और एक खुस नसीब ने बिना मांगे उसे अपना बना लिया…प्यार में वो बेवफा हो गई तो दिल का दर्द शायरी बन कर दीवारों पर चिपक गया…इश्क गहरा था लिहाजा आशिक ने प्रेमिका को चिढाने के लिए चाय की दुकान खोल ली…नाम रखा एम बेवफा चायवाला…बेवफाई के शिकार हुए आशिकों के लिए स्पेशल डिकाउंट…और जिनकी आशिकी अभी चल रही हैं..उनसे कोई रियासत नहीं…अब अगर वो बेवफा थी तो फिर चाय की दुकान का नाम बेवफा चायवाला भी हो सकता था…लेकिन बेवफा के पहले एम क्यों लगा…ये इस दर्दीले आशिक की जुबानी ही जान लीजिए…
कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी नाम था रांझा जिसमें एक डायलॉग था…मौहल्ले के प्यार को अक्सर डॉक्टर और इंजीनियर उठाके ले जाते हैं…मोहल्ले के इस मजनू के साथ भी यही हुआ…अच्छा रिश्ता आया तो प्रेमिका किसी और के साथ बंधन में बंधकर निकल ली…
चांदपुरा का रहने वाला ये आशिक चायवाला अभी कुंवारा है…हालांकि ख्वाहिश है शादी करने की, लेकिन अब तक कोई रिश्ता नहीं आया है…और एम बेवफा चायवाला अभी अपने रिश्ते का इंतजार करते हुए दिलजले आशिकों को बेवफा चाय पिला रहा है…
राजगढ़ के खिलचीपुर के बस स्टेशन पर मौजूद एम बेवफा चायवाला काफी चर्चा में हैं…इस बेवफा चायवाले की दुकान पर चाय पीने वालों की लंबी लाइन लगती हैं…तो अगर आप भी इस दिलजले आशिक की चाय पीना चाहते हैं तो पहुंच जाइये राजगढ़ और इस एम बेवफा चाय का लुत्फ उटा लीजिए…

