
आरटीओ में अवैध वसूली ही एक मात्र मूल मिशन फिटनेस की आड़ में वसूला जाता है मोटा कमीशन
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मोटर वाहनों में फिटनेस के दौरान भौतिक एवं यांत्रिक रूप से जांच की जाती है। साथ ही मेडिकल बॉक्स समेत अग्निशमन व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए फिटनेस टेस्ट लिया जाता है। किंतु सड़क पर फर्राटा भरने वाले मोटर वाहनों में कोई ना कोई कमी तब तक जिम्मेदारों को प्रतीत हो ही जाती है जब तक यह फिटनेस टेस्ट किसी एजेंट के माध्यम से ना कराया जाए।
इतना ही नहीं यहां पर नियुक्त एजेंटों की सांठ-गांठ इतनी तगड़ी है कि कई बार तो जिम्मेदार अधिकारी की गैरमौजूदगी में भी फिटनेस टेस्ट पास हो जाता है। गनीमत है कि एजेंटों के माध्यम से आए इन मोटर वाहनों में पनकी स्थित पॉइंट पर फोटो खींचने का रिवाज अभी भी चल रहा है, नहीं तो जिम्मेदारों का बस चले तो जांच के नाम पर खानापूरी करने वाले इस टेस्ट को मोटर वाहन को बिना फिटनेस प्वाइंट पर लाए ही पास कर दिया जाए।