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रेलवे स्टेशन पर शाम होते ही बजते हैं घंघुरू स्टेशन पर पायल की आवाज सुनते ही डरते हैं लोग

रेलवे स्टेशन पर शाम होते ही बजते हैं घंघुरू स्टेशन पर पायल की आवाज सुनते ही डरते हैं लोग

रेलवे स्टेशन पर शाम होते ही बजते हैं घंघुरू स्टेशन पर पायल की आवाज सुनते ही डरते हैं लोग

धनबाद जिले का झरिया पुराना रेलवे स्टेशन कभी खूब गुलजार हुआ करता था.
स्टेशन के आसपास तमाम दुकानें और लोगों की भीड़ रहती थी. लेकिन,
अब ये पूरा खंडहर बन चुका है. स्थानीय लोग इतने डरे और सहमे हुए हैं कि वो इसके आसपास भी नहीं मंडराते हैं. कहा जाता है कि स्टेशन के खंडहर से पायल घुंघरू की आवाज आती है. रेलवे की उदासीनता ने स्टेशन को भूतबंग्ला बना दिया. शाम होते ही स्टेशन के रास्ते में सन्नाटा पसर जाता है. अफवाह है कि इस रेलवे स्टेशन से रात के समय पायल और किसी के रोने की आवाज लोगों को सुनाई देती है. खंडहर बन चुके झरिया रेलवे स्टेशन पर पहले कई ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था. लेकिन अब यहां एक छोटी सी केबिन में ट्रेनों की रिजर्वेशन टिकट काटी जाती है, वह भी सिर्फ 4 बजे तक ही. रात के अंधकार में इस ओर कोई गलती से भी आने का साहस नहीं करता है. दिन के उजाले में लोग इसके अगल बगल से गुजर तो जाते हैं लेकिन रात के अंधेरे में उन्हें खौफ सताने लगता है. वहीं, ज्योतिषाचार्य चंदन शास्त्री का कहना है कि ज्यादा समय से बंद पड़े कोई भी जगह पर नकारात्मक शक्ति का प्रवेश हो जाता, जिसे लोग आम बोलचाल में भूत भी कहते हैं. जब रात में ध्वनि ऊर्जा सो जाती है तो उस बंगले से अजीबोगरीब आवाजें भी निकलती है. यहां के लोगों की मानना है कि रात में इस बंगले में किसी आत्मा का वास है. लोगों के अंधविश्वास की वजह से रेलवे को राजस्व का लाभ देने वाला स्टेशन खंडहर जरूर बन गया है.

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