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सरकार की मनरेगा योजना में रोजगार सेवक ने किया घोटाला

सरकार की मनरेगा योजना में रोजगार सेवक ने किया घोटाला

कानपुर देहात: जहां एक ओर जनपद की मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडे जनपद में विकास कार्यों को लेकर सजग दिख रही हैं तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नाम पर धन उगाही का कार्य किया जा रहा है डेरापुर तहसील क्षेत्र के झींझक ब्लॉक में तैनात ग्राम पंचायत लगरथा के रोजगार सेवक आसकरन न सिर्फ धन उगाही कर रहे हैं बल्कि भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी, पंचायत मित्र द्वारा मनरेगा के अंतर्गत बिना कार्य किए ही अवैध तरीके से सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है जिसको लेकर आला अधिकारियों से शिकायत भी की गई लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही न होने के चलते रोजगार सेवक के हौसले सातवें आसमान पर हैं और लगातार धन उगाही का कार्य जारी है। सरकार द्वारा योजनाएं चलाई जा रही हैं ग्रामीण क्षेत्रों को रोजगार देने के लिए लेकिन रोजगार सेवक न तो सही ढंग से रोजगार दे पा रहे हैं और न ही कार्य करवाया जा रहा है लेकिन सरकारी पैसे का दुरुपयोग जरूर किया जा रहा है रोजगार सेवक द्वारा बिना कार्य किए ही मनरेगा मजदूर के खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं उसी पैसे का बंदर बांट किया जाता है, बड़ी बात तो ये है कि जो मजदूर मौके पर मौजूद भी नहीं है उनकी भी हाजिरी लगाकर उनके खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं जिससे सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। रोजगार सेवक आसकरन के द्वारा अपने ही भाई के खाते में मनरेगा के अंतर्गत पैसे भेजे गए जबकि उसका भाई मंजीत कई वर्षों से यूपी के बाहर प्राइवेट नौकरी कर रहा है बावजूद इसके लगातार खाते में पैसे भेजना एक बड़ा सवाल है इतना ही नहीं मंजीत ने अपनी पत्नी के खाते में पैसा डलवाना उस समय शुरु कर दिया था जब मंजीत ने शादी भी नहीं की थी। इस मामले में जब खुलासा हुआ तो इसकी शिकायत झींझक में तैनात बीडीओ से लगाकर जिले की सीडीओ सौम्या पांडे तक की गई मगर अच्छी सांठगांठ होने के चलते रोजगार सेवक आसकरन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। हैरत की बात रोजगार सेवक आसकरन के खिलाफ सबूत होने के बावजूद अधिकारियों ने ठोस कार्यवाही करने की हिमाकत तक नहीं जुटाई। शिकायतकर्ता का साफ तौर पर आरोप है कि जिम्मेदारों के द्वारा जांच पड़ताल तो की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई आखिर ऐसे भ्रष्ट रोजगार सेवक पर कार्यवाही करने से जिम्मेदार अधिकारी क्यों बच रहे हैं।सत्रों के मुताबिक झींझक ब्लॉक पर तैनात अधिकारियों को रोजगार सेवक द्वारा दी जाती है मोटी रकम जिसके चलते मामले को दबाने में जुटे हैं। इस मामले पर जिले के जिम्मेदार अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

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