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जब प्यार सच्चा हो तब क्या सरहद या बार्डर?

Desk : Bharat A to Z News

जब प्यार सच्चा हो तब क्या सरहद या बार्डर?

इंसानी सरहदों की बिसात नहीं कि वो इश्क के समंदर को समेट पाए, उसकी लहरों को रोक पाएं और ये सच साबित कर दिया है पाकिस्तान की शमियाला (Shamiala )ने. ये पाकिस्तानी लड़की सारी बंदिशों को तोड़ अपने प्यार कमल (Kamal) का ताउम्र का साथ पाने के लिए 45 दिन का वीजा (visa) लेकर भारत चली आई. आखिरकार उनके तीन साल की कोशिशें रंग लाई और वह अपने इश्क को अंजाम तक पहुंचाने जालंधर पहुंची पाईं. यहां वह अपने प्रेमी कमल के साथ कोर्ट मैरिज (Court Marriage) करेंगी.

भारत सरकार भी हुई इश्क पर मेहरबान

कहते हैं प्यार में न तो कोई दूरी मानता है और न किसी तरह की बंदिश और ये सच भी है कि प्यार को परवान चढ़ने से खुद इंसान की बनाई सरहदें भी नहीं रोक पातीं. ऐसा ही एक खूबसूरत मिलन का गवाह पंजाब का जालंधर शहर बना है. अपने तीन साल से लगातार किए गए प्रयासों के बाद पाकिस्तान की शमियाला सरहदों को लांघ कर जालंधर के कमल कल्याण के साथ शादी रचाने के लिए पहुंच पाई हैं.

उनके साथ उनका परिवार भी उनकी खुशी में शामिल होने आया है. गौरतलब है कि भारत सरकार ने भी दोनों के रिश्ते पर उदारता दिखाते हुए इस पाकिस्तानी लड़की और इनके परिवार को 45 दिन का वीजा दिया है. अब इन दो प्रेमियों के परिवार मिलकर जोरशोर से शादी की रस्में पूरी करने में लगे हैं. पाकिस्तानी शमियाला और भारत के कमल कोर्ट मैरिज कर रहे हैं.

पांच साल से था राफ्ता

गौरतलब है कि शमियाला और कमल बीते पांच सालों से एक-दूसरे को जानते थे. दोनों सरहदों की दूरियों को वीडियो कॉल से समेट लेते थे. दोनों एक-दूसरे का दीदार और बातचीत वीडियो कॉल पर किया करते थे. इन पांच सालों में उनके पास संपर्क का बस यहीं एक साधन था.

खुश है पाकिस्तान की शमियाला

पाकिस्तान से आई शमियाला बहुत खुश हैं कि वह सारे बंधन पार कर भारत की बहू बनने जा रही हैं. पाकिस्तान से शादी करने आई शमियाला ने कहा कि जब हमारी बातचीत शुरू हुई तो करीब मुझे एक साल यह सोचने में लगा कि क्या कमल मेरे जीवन साथी बन सकते हैं. जब मेरे दिल ने उनके लिए पूरी तरह से हां बोल दिया तो मैंने घरवालों से बात की. वह तो राजी हो गए, लेकिन बीच में कोरोना आ गया. इससे हमारी शादी का समय बढ़ता गया. शादी के लिए मुझे भारत आना था इसलिए कागजी कार्रवाई भी बहुत हुई. शमियाला कहती हैं कि आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और वह शादी के लिए जालंधर पहुंच पाईं. उन्होंने कहा कि उन्हें  भारत आकर बहुत ज्यादा खुशी हो रही है. शादी के के रस्मो -रिवाज कुछ भारत के और कुछ पाकिस्तान के तरीके से निभाए जा रहे हैं.

कमल को वीडियो कॉल पर हुआ था प्यार

शमियाला के प्रेमी कमल बताते हैं कि लड़की के भाई की शादी के दौरान करीब 5 साल पहले वीडियो कॉल पर शादी देखते वक्त शमियाला से उनकी पहली मुलाकात हुई थी. इसके बाद से दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया था. धीरे-धीरे बातचीत प्यार में कब बदल गई दोनों को ही पता नहीं चला.  हमें लगा कि हम एक दूसरे के जीवन साथी बन सकते हैं. यह बात हमने अपने घर वालों को बताई और वह लोग हमारी खुशी के लिए राजी हो गए.

ससुर जी ने बहु नहीं बेटी माना

इस खुशी के मौके पर लड़के के पिता ओम प्रकाश ने कहा कि आज मुझे बहुत ज्यादा खुशी हो रही है कि मेरी बेटी पाकिस्तान से यहां आ गई है. उन्होंने बताया कि जब इनकी शादी की बात चल रही थी तो उस वक्त सभी का यही कहना था कि क्या पाकिस्तान से शमियाला यहां आ पाएगी. सबके दिल में यही सवाल उठ रहे थे कि क्या यह रिश्ता मुकम्मल हो पाएगा. ओमप्रकाश ने बताया कि तब उन्होंने कहा था कि साइंस इतनी ज्यादा तरक्की कर चुका है तो यह सब सोचने वाली बातें नहीं है. भगवान का नाम देखकर काम कर रहे हैं सब कुछ अच्छा ही होगा.

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