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पुलिस कमिश्नर का पीआरओ गैंगस्टर की बुलेट से भर रहा फर्राटा

Desk : Bharat AToZ News

कहते हैं कि पुलिस जनता की सेवा के लिए होती है…लेकिन अगर पुलिस खुद ही जनता की सेवा करने की जगह माफियाओं और गैंगस्टर से मिल जाए तब आप क्या कहेंगे?? जी हां, उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहाँ, गैंगस्टर की बुलेट से पुलिस कमिश्नर का PRO फर्राटा भर रहा है. आपको बता दें कि पुलिस कमिश्नर के पीआरओ अजय मिश्रा पर गैंगस्टर की बुलेट खरीदने का आरोप है. बुलेट गैंगस्टर बलराम राजपूत के नाम दर्ज थी. दरोगा अजय मिश्रा छात्रा की खुदकुशी मामले में जेल जा चुके हैं. वहीं ड्रग्स माफिया बलराम राजपूत से हुई थी अजय मिश्रा की मुलाकात. दरोगा का दावा है ₹90 हजार में गैंगस्टर की पत्नी से बुलेट खरीदी.

कानपुर में पुलिस कमिश्नर के पीआरओ दरोगा अजय मिश्रा इन दिनों गैंगस्टर की बुलेट से फर्राटा भर रहे हैं। यह बुलेट गैंगस्टर बलराम राजपूत के नाम थी। दरोगा का दावा है कि उसने 90 हजार रुपये में खरीदी है। अब बुलेट उनके बेटे के नाम है। हालांकि सवाल यह उठता है कि अपराधी की ही बुलेट क्यों खरीदी? आपको बता दें कि कानपुर विश्वविद्यालय की बीसीए की एक छात्रा ने चार साल पहले खुदकुशी कर ली थी। मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तत्कालीन विवि चौकी इंचार्ज अजय मिश्रा चार अप्रैल 2018 को जेल भेजे गए थे। जेल में ही उनकी मुलाकात चकेरी निवासी ड्रग्स तस्कर बलराम राजपूत से हुई। अजय दो मार्च 2020 को जेल से जमानत पर छूटा था। वर्तमान में अजय एक बुलेट से चलते हैं, जो बलराम की पत्नी सोनी के नाम पर थी। अब अजय के बेटे उत्कर्ष के नाम है। सोनी पर भी एनडीपीस समेत दो केस दर्ज हैं। बता दें कि बलराम राजपूत का लंबा आपराधिक इतिहास है। उस पर 16 केस दर्ज हैं। मादक पदार्थ की तस्करी करने, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट, लूट, अपहरण, डकैती के केस शामिल हैं। इसी में चार केस हरियाणा के सिरसा में दर्ज हैं। सिरसा और कानपुर के कैंट थाने से एक-एक बार उस पर गैंगस्टर भी लग चुका है। दो बार गुंडा एक्ट में भी कार्रवाई की गई है। कुछ दिन पहले बलराम पेशी पर आया था। इस दौरान उसने नवाबगंज निवासी एक अधिवक्ता से मुलाकात की थी। अधिवक्ता से कहा था कि वह हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह का बर्रा निवासी भाजपा नेता से हुए विवाद का निस्तारण करवा दे। यह मनोज सिंह वही है, जिसको नारायण भदौरिया व उसके साथियों ने पिछले साल पुलिस हिरासत से फरार कराया था। तो वहीँ, जब मीडिया ने दरोगा अजय मिश्रा से सवाल-जवाब करने की कोशिश की तो वो मुँह चुराके भागते हुए नज़र आया…आपको बता दें कि उ0नि0 अजय मिश्रा को रिजर्व पुलिस लाइन सम्बद्ध किया गया है, पूरे प्रकरण की जांच श्रीमान संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था द्वारा की जा रही है। अब देखना ये होगा कि इस दरोगा के विरुद्ध पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कुछ कार्रवाई की जाती है??

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