
आज मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और छठ का दूसरा दिन है… पूर्वांचल, बिहार, यूपी और झारखंड के क्षेत्र में लोग लोक आस्था के इस महापर्व को पूरे हर्षोल्लास से मनाते हैं… साल भर का यह सबसे बड़ा पर्व माना जाता है… 30 अक्तूबर को तीसरे दिन शाम को ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाएगी और 31 अक्तूबर को सुबह के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन किया जाएगा…
5छठ पूजा के दूसरे दिन मनाया जाता है…इस व्रत में व्रती पूरे दिन उपवास रखती है और शाम को प्रसाद खाती है वैसे आपको बता दें कि आखिर खरना होता क्या है…तो खरना का मतलब होता है, शुद्धिकरण… खरना के दिन शाम होने पर गुड़ की खीर का प्रसाद बना कर व्रती महिलाएं पूजा करने के बाद अपने दिन भर का उपवास खोलती हैं…

आज से व्रतधारियों 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा… महिलाएं आज शाम को पूजा करने के बाद 36 घंटे के लिए निर्जला उपवास रखेंगी और सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी… शाम के समय घी लगी रोटी, गूड़ की खीर, और फल से भगवान का भोग लगाया जाता है… भोग लगाने के बाद महिलाएं प्रसाद को ग्रहण करती हैं… इसके बाद से उनका 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है… यह उपवास चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है… अगले दिन अर्घ्य देने के लिए महिलाएं एक दिन पहले से प्रसाद बनाने की तैयारी करने लगती हैं।




