BIHARधर्म

छठ पूजा के तीसरे दिन को कहते है अस्ताचलगामी

कैसे करें सूर्य की पूजा, जानें विधि और मुहूर्त

छठ के पर्व में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं… आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाएगी… कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रती महिलाएं उपवास रहती हैं और शाम को किसी नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं… अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सभी जरूरी चीजों की खरीदारी खरना के दिन ही पूरी कर ली जाती है…

कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि के दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और संध्या काल में अस्त हो रहे सूर्य को अर्घ्य देती हैं… ये अर्घ्य पानी में दूध डालकर दिया जाता है… सूर्यास्त के समय व्रती महिला के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहते हैं… इस दिन सूप में फल, ठेकुआ, गन्ना, नारियल, फूल, चावल के लड्डू, मूली, कंदमूल आदि रखकर पूजा की जाती है.

 

 

छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं खरना के प्रसाद के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती है… इस बीच वो पानी, जूस, दूध या किसी अन्य चीज का सेवन नहीं करती हैं… छठ पर्व में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है और इसके बाद ही महिलाएं कुछ खाती है.,.

फिलहाल छठ पूजा में आज सूर्यास्त के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा… ये अर्घ्य शाम 5 बजकर 34 मिनट पर दिया जाएगा… इसके बाद अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा… इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा…

 

Related Articles

Back to top button
Bharat AtoZ News
Close