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ऐसे उखड़ रही सरकार की बनाई सड़क…देवरिया जिले का वीडियो हो रहा वायरल…देखें

लखनऊ की इमारतों में बैठने वाली सरकारी मशीन के लिए उत्तर प्रदेश की सारी सड़क गड्ढा मुक्त हो गई है...लेकिन उसकी हकीकत क्या है ये वीडियो देखकर आपको उसका अंजादा लग जाएगा...कि सीएम योगी के पड़ोसी जिलों में ही अधिकारियों ने किस तरह की कारस्तानी करके सरकार की साख पर पलीता लगा दिया है...

लखनऊ की इमारतों में बैठने वाली सरकारी मशीन के लिए उत्तर प्रदेश की सारी सड़क गड्ढा मुक्त हो गई है…लेकिन उसकी हकीकत क्या है ये वीडियो देखकर आपको उसका अंजादा लग जाएगा…कि सीएम योगी के पड़ोसी जिलों में ही अधिकारियों ने किस तरह की कारस्तानी करके सरकार की साख पर पलीता लगा दिया है…कहा जाता है कि कोई आत्मा तेरह दिन तक इस मृत्युलोक को नहीं छोड़ती है…कहा जाता है कि अगर आत्मा भटके तो सात घर छोड़कर भटकती है लेकिन उत्तर प्रदेश के अफसरों के लिए ये बात लागू नहीं होती…उनकी बनाई सड़क तीन दिन बाद ही उखड़ जाती है…उनसे ऐसा कोई जिला नहीं छूटा जहां पर भ्रष्टातार ना हुआ है, कोई ऐसा जिला नहीं है जहां पर सड़क बनाई गई हो और उखड़े ना…

कंपनियां भले ही अपने फोन, टीवी या अन्य प्रोडक्ट पर कम से कम साल भर की गारंटी देती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग की बनाई सड़क सिर्फ तीन दिन में ही उखड़ जाती है…हालत देख लीजिए ऐसा लगता है मानो छत पर पापड़ सुखाने के लिए रखा था जिसे कोई हाथ से नोंच डाला है…ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रुद्रपुर विधानसभा के भेड़ी गांव की है…ये बात ऐसे पता चली कि इस इलाके में स्थानीय लोगों ने कहा कि सड़क का निर्माण हो रहा है…लेकिन सड़क ऐसे बनी है कि तीन दिन बाद ही हाथ से नोंचकर उखाड़ दी जा रही है…सड़क के लिए अगर शिलापट देखेंगे तो करोड़ों रुपये का बजट है…बाबू साहब के घर में इसी पैसे से फ्रिज आया होगा, टीवी आया होगा, वॉशिंग मशीन आई होगी, हो सकता है कलेक्टर तक उसका हिस्सा भी पहुंचा हो…दो-चार परसेंट जो इंटरेस्ट हो पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने भी लिया हो लेकिन सड़क की हालत क्या है देख लेंगे तो शर्म आएगी कि सरकार इस विभाग को हर साल खरबों रुपये का बजट दे डालती है…उस वक्त जिस वक्त उत्तर प्रदेश के विधानसभा में अनुपूरक बजट बना है…उस वक्त जब 33 हजार करोड़ रुपया विकास के लिए मांगा जा रहा है…अनुपूरक बजट की राशि इस सड़क को देखकर कम पड़ जाएगी…लगेगा 6-7 बजट और आएं शायद ये सड़क फिर से ना उखड़े…

कहने के लिए सारी इंजीनियंगिर पढ़ाने के लिए कॉलेज उत्तर प्रदेश में हैं…लेकिन अफसरों को सड़क निर्माण कराना नहीं आता…ना चारकॉल ढंग से पड़ा है, ना रोलर चल पाया है, गांव वाले कह रहे हैं छोड़ दीजिए हमारे पास दे दीजिए, इससे अच्छी सड़क तो गांव के मजदूर बना देंगे…पीडब्ल्यूडी के विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी शायद इतना भी नहीं जानते कि सड़क बनाई कैसे जाती है…

कहने को उत्तर प्रदेश में सब कुछ ठीक है, कहने को सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस रखती है…लेकिन सड़क की ये हालत देखकर बताइये कि क्या भ्रष्टाचार नहीं हुआ है…अगर हुआ है तो इसका कमीशन पाने वाले अफसर कब नापे जाएंगे…हो सकता है सरकार के स्तर तक भी उसका कुछ हिस्सा पहुंचा दिया गया हो…इसीलिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है…लेकिन समझने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश में सड़कों की हालत ऐसी क्यों है…दो बार गड्ढा मुक्त अभियान की तारीख आगे बढ़ाई जा चुकी हैं, लेकिन सूबे की सड़कों पर पाताल लोक का दर्शन होना आम है…अगर आप ऊपर से पाताल लोक ना देख पाएं तो लखनऊ की सड़क पर हुआ गड्ढा आपको पाताल लोक के दर्शन करा सकता है…बची हुई कसर पीडब्ल्यूडी के अफसर पूरी कर देंगे…जरूरत पड़ी तो मंत्री जी फावड़ा चलवाकर देवरिया में सड़क का निरीक्षण कराएंगे…उनके लिए सड़क ठीक होगी लेकिन जो गांव वाले ये सड़क उखाड़ रहे हैं और ये बता रहे हैं कि हालत क्या है…सोचिए उनकी जिंदगी पर क्या बीतती है…

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