मध्य प्रदेशराजनीति

ड़क बनवाने को लेकर बच्चों का प्रदर्शन,टीचर और स्टूडेंट्स ने खुद ही भर डाले सड़क के गड्ढे,स्कूल के टीचर और स्टूडेंट्स का वीडियो आया सामने

सड़क...जी हां सड़क जिसे अच्छी और सुगम यात्रा लायक बनाने के जिम्मा सरकारी मशीनरी का होता है...लेकिन जब वही सरकारी मशीनरी वादा खिलाफी करने लगे तो बेबस और लाचार जनता किसके सामने अपना दुखड़ा रोए...अफसर जब देखकर ही अनदेखी करें तो जनता किसे अपने जख्म दिखाए...कुछ ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है.

 

 

सड़क…जी हां सड़क जिसे अच्छी और सुगम यात्रा लायक बनाने के जिम्मा सरकारी मशीनरी का होता है…लेकिन जब वही सरकारी मशीनरी वादा खिलाफी करने लगे तो बेबस और लाचार जनता किसके सामने अपना दुखड़ा रोए…अफसर जब देखकर ही अनदेखी करें तो जनता किसे अपने जख्म दिखाए…कुछ ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है…मध्य प्रदेश के सागर से स्कूली बच्चों का एक भावुक कर देने वाला वीडियो सामने आया है…जिसमें पढ़ने-लिखने, खेलने कूदने की उम्र में बच्चों की सिस्टम को जगाने की गुहार प्रदेश के मुखीय से लगानी पड़ रही है…ये बच्चे सेना की महार रेजिमेंट स्कूल में पढ़ते हैं जो सागर से करीब 10 किलोमीटर दूर है…दरअसल, सागर-झांसी रोड पर भैंसा पहाड़ी से गढ़पहरा फोरलेन तक 8 किलोमीटर की सड़क जर्जर हालत में है…करीब डेढ़ माह पहले एक स्कूली कार्यक्रम में सागर कलेक्टर के वादे के बाद भी यह सड़क नहीं बन सकी…इसके बाद स्कूल बस चालकों ने रोड के गड्ढे खुद भरे थे…लेकिन प्रशासन और नेताओं को जगाने के लिए अब नन्हे बच्चों का मुख्यमंत्री के नाम एक वीडियो जारी हुआ है…जो जमकर वायरल हो रहा है…बच्चों ने सीएम शुवराज से गुहार लगाते हुए एक साथ स्वर में कहा, “नन्हे-मुन्ने करे पुकार, मामा जी सुनिए हमारी गुहार.” मामाजी अब आप ही हमारी रक्षा कीजिए…सागर के अफसरों को नन्हे मुन्ने बच्चों की कोई फिक्र नहीं है…हमें स्कूल आने में डर लगता है…फिर भी भविष्य उज्जवल बनाने के लिए स्कूल आते हैं…कृपया हमसे हमारा उज्जवल भविष्य दूर न करें…दुर्घटना होने से पहले रोड बनवा दें और खाई के पास रेलिंग लगवा दें…प्लीज मामा जी हमारी मदद कीजिए…यहां बता दें कि सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने से स्कूल आने-जाने वाले बच्चों सहित आम राहगीरों को भी हादसे का भय सता रहा है…

रेजिमेंट स्कूल में हुए वार्षिकोत्सव में सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने वादा तो किया था लेकिन वह पूरा नहीं हो सका…इसके बाद परिचालकों व अभिभावकों ने सड़क के गड्ढे भरना शुरू किया…स्कूल प्रबंधन ने भी सहयोग किया…बस चालकों ने बताया कि स्कूल बस में बच्चे बैठे होते हैं और जर्जर सड़क के कारण बस बुरी तरह हिलती है…इससे हादसा होने का डर बना रहता है…

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