कुंभकर्णी नींद सो रहे है अधिकारी, बुलडोजर बाबा के राज्य में ग्रामीण मरने को हुए मजबूर
पुराने टायरों को जलाने वाली फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं… अधिकतर लोग फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे हैं… वही ग्रामीणों ने बताया कि वायु प्रदूषण से सांस लेने में समस्या हो रही है.. बच्चे और बुजुर्ग अस्थमा और सांस की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं.

पुराने टायरों को जलाने वाली फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं… अधिकतर लोग फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे हैं… वही ग्रामीणों ने बताया कि वायु प्रदूषण से सांस लेने में समस्या हो रही है.. बच्चे और बुजुर्ग अस्थमा और सांस की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं… कई बार शिकायतें की गई मगर प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से फैक्ट्री पर कोई कार्रवाई नहीं की गई… वही परेशान ग्रामीणों ने कहा की फैक्ट्री को गांव से बाहर किया जाए… ग्रामीणों का कहना है कि इस फैक्ट्री में पुराने टायर जलाकर उनका तेल निकाला जाता है… इससे उठने वाले धुएं और दुर्गंध ने जीना मुहाल कर दिया है… तेल निकलने के बाद टायरों के अवशेष व कचरे को सड़क किनारे फेंक दिया जाता है… फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं वातावरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित करता है… गांवों के आसपास हर समय धुआं फैला रहता है… इसके बावजूद प्रशासन के स्तर से इन पर अंकुश लगाने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा… वही ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ये सभी फैक्ट्रियां प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार के कारण चल रही हैं… ग्रामीणों को कहना है कि फैक्ट्री से निकलने वाले कचरे से खेतीबाड़ी पर भी संकट मंडरा रहा है… इसलिए इस फैक्ट्री को गांव से किसी अन्य जगह पर शिफ्ट किया जाए… हालांकि पंचायत ने इस बारे में पहले भी आला अधिकारियों को इस समस्या के बारे में अवगत करवाया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई… वही सचेंडी क्षेत्र के गढ़ी गांव के प्रधान अजीत पासवान ने आरोप लगाते हुए बताया कि कई बार अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भाजपा के कुछ नेताओं के संरक्षण के कारण फैक्ट्री मालिक अवैध रूप से फैक्ट्री चला रहे है वही प्रदूषण विभाग भी इस तरफ ध्यान न देकर कुंभकर्णी नींद सोने को मजबूर है




