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श्रद्धा और सौंदर्य का अद्भुत संगम है दानघाटी ब्रज में कोरोना काल के बाद आइयेगा जरूर एक बार

श्रद्धा और सौंदर्य का अद्भुत संगम है दानघाटी ब्रज में कोरोना काल के बाद आइयेगा जरूर एक बार

श्रद्धा और सौंदर्य का अद्भुत संगम है दानघाटी ब्रज में
कोरोना काल के बाद आइयेगा जरूर एक बार

भक्ति में ऐश्वर्य और सौंदर्य का अद्भुत समावेश ही गोवर्धन के दानघाटी मंदिर की परिभाषा है।
मंदिर में विराजमान गिरिराजजी साढ़े दस किमी लंबे स्वरूप में विराजमान गोवर्धन पर्वत का ही हिस्सा हैं।
पांच दिवसीय मुड़िया पूर्णिमा मेला में भक्तों की संख्या एक करोड़ के
आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान होता है। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने मेला निरस्त कर दिया है।
दानघाटी के आसपास मेला के दौरान पर्वतराज का वैभव नजर आता है।
पर्वतराज की हरियाली, द्वापरयुगीन ब्रजभूमि की कल्पना को साकार करती है।
मथुरा से 21 किमी दूर कान्हा की लीलाओं का गवाह पर्वतराज गिरिराज धरा
प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति की अनूठी मिशाल है।

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