अयोध्या। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर परिसर के पास 100 करोड़ रुपये का एक मेगा ‘मल्टीमीडिया शो फव्वारा’ बनाने की एक भव्य योजना लेकर आई है. लगभग 25,000 लोग एक समय में एम्फीथिएटर शैली की बैठने की व्यवस्था में इस मेगा फाउंटेन को देख सकेंगे. उसमें गुप्तार घाट से नया घाट तक 20 एकड़ में कमल के आकार का फव्वारा बनाने की कल्पना की गई है और यह 50 मीटर तक पानी को ऊपर फेंकेगा. यह फव्वारा परिसर वास्तव में दिव्य और आध्यात्मिक अनुभव देने के लिए बनाया जाएगा, जो श्रीराम मंदिर की भव्यता को और बढ़ाएगा.
यह श्रीराम मंदिर की पूरी अवधारणा में जल तत्वों के विशेष महत्व को एक नई पहचान देने की कोशिश है. इस फव्वारे का उद्देश्य मंदिर के इस हिस्से को केवल प्रतीक्षा क्षेत्र से आध्यात्मिक प्रेरणा की एक ताजा और आरामदायक जगह में बदलना है. जो एक तरह से मंदिर का पूरक है. यह भगवान राम की महाकाव्य कहानी बताने के लिए एक उपयुक्त जगह के रूप में भी काम करेगा. जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव देगा. इसका उद्देश्य एक ‘जादुई जगह’ बनाना है, जहां जल तत्व” आगंतुकों को शांत होने, प्रार्थना करने और एक साथ आने का मौके देगा.
महज शो के लिए नहीं बनाया जा रहे फव्वारा
दस्तावेजों में कहा गया है कि मल्टीमीडिया शो फाउंटेन को शांति और आत्मनिरीक्षण के अभयारण्य, श्रीराम मंदिर के शांत दायरे में अपनी जगह मिल गई है. इस फव्वारे का उद्देश्य राम मंदिर परिसर में मात्र एक शोभा बढ़ाने वाली जगह होने से कहीं अधिक है. वास्तव में यह मंदिर के लोकाचार को बढ़ाने के रूप में कार्य करता है और उसी शांति और शांति का प्रतीक है जो मंदिर से उत्पन्न होता है. फव्वारे और मंदिर के माहौल के बीच यह सामंजस्य एक सामंजस्यपूर्ण तालमेल बनाता है, जो भक्तों और आगंतुकों को एक समग्र अनुभव प्रदान करता है, जो उनके अस्तित्व के आध्यात्मिक और संवेदी दोनों आयामों को छूता है.
राममंदिर में लगने के लिए तैयार द्वार
410 द्वारों की फिटिंग का परीक्षण भी हो चुका है पूरा द्वारों को स्वर्ण मंडित करने का कार्य नवंबर में हो जाएगा पूरा तांबे की परत पर चढ़ेगा सोना द्वारों पर बन रहे सांचे में पहले तांबे की परत फिट की जाएगी। बाद में इसी पर सोने की परत जड़ी जाएगी। मंदिर के सभी द्वार स्वर्ण मंडित होंगे।
मंदिर में लगाए जायेंगे अब कुल 46 द्वारें
कार्यदायी संस्था के एक अधिकारी ने बताया कि राम मंदिर में पहले कुल 42 द्वार लगने थे, पर अब इसमें चार और द्वार लगाए जाएंगे। भूतल में द्वारों की संख्या सर्वाधिक 18 होगी। भूतल पर दो सीढ़ियां बन रही हैं। पार्श्व में दो-दो द्वार लगाये जाएंगे। जो द्वार निर्मित हो चुके हैं, उन्हें मंदिर में लगाने का परीक्षण कई चरणों में पूरा किया जा रहा है। अंतिम चरण में स्वर्ण जड़ने वाले कारीगर भी मौजूद होते हैं। सोना लगाने के लिए द्वारों पर किस ओर कितनी जगह होनी चाहिए, इसका आकलन बार-बार किया जाता है।