भारत के एक और दुश्मन भुट्टावी की मौत पर यूएन की मुहर ; मुंबई आतंकी हमले के लिए लड़ाकों को दी थी…
भारत के एक और दुश्मन भुट्टावी की मौत पर यूएन की मुहर ; मुंबई आतंकी हमले के लिए लड़ाकों को दी थी ...
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सदस्य हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने गुरुवार को भुट्टावी की मौत की पुष्टि कर दी है। भुट्टावी हाफिज सईद के डिप्टी भी था। उस पर आतंकियों को वित्त मुहैया कराने का आरोप था। हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित किया था। उस पर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकियों को ट्रेनिंग देने का भी आरोप था।
मुंबई आतंकी हमले के लिए लड़ाकों को उसी ने दी थी ट्रेनिंग
संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी भुट्टावी ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के लिए लश्कर के हमलावरों को प्रशिक्षित किया था। उनसे दो मौकों पर आतंकवादी संगठन के प्रमुख के रूप में काम किया था। संयुक्त राष्ट्र समिति के सारांश में यह भी कहा गया था कि भुट्टावी ने नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के लिए हमलावरों को ट्रेनिंग दी थी। 2008 के मुंबई आतंकी हमले की जिम्मेदारी के लिए लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।
बीते साल पाकिस्तान में हुई थी मौत
पिछले साल मई में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की जेल में उसकी मौत हो गई थी, जहां वह आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में सजा काट रहा था। भुट्टावी लाहौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर शेखूपुरा की जिला जेल में अक्टूबर 2019 से कैद था।
आतंकी वित्तपोषण मामले में सुनाई गई थी16 साल की जेल
बता दें कि भुट्टावी ने पंजाब के मुरीदके में लश्कर मुख्यालय की स्थापना की थी। वह प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (JuD) प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का सहायक था। लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 2020 में एक आतंकी वित्तपोषण मामले में भुट्टावी को 16 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
इतना ही नहीं, हाफिज सईद के करीबी भुट्टावी पर 2011 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने भी प्रतिबंध लगाए थे। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति ने मार्च 2012 में भुट्टावी को नामित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था। संयुक्त राष्ट्र समिति ने उसे लश्कर का संस्थापक सदस्य बताया था।