बूढ़ी आंखें लिए अपनों से बिछड़ी माताओं की नजर में कैसे हैं ‘राम’, सही है सबके अपने-अपने राम…
बूढ़ी आंखें लिए अपनों से बिछड़ी माताओं की नजर में कैसे हैं 'राम', सही है सबके अपने-अपने राम...

अयोध्या के वृद्धा महिला आश्रम में अमर उजाला की टीम पहुंची और वहां रहने वाली माताओं से उनकी पीड़ा और भगवान राम के बारे में बातचीत की। इनसे जब पूछा कि आपकी राम से क्या शिकायत है इस पर उनका जवाब सोचने पर करता है मजबूर
राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी… इस समय आप अयोध्या में कहीं भी हों आपको ये धुन सुनने को मिल जाएगी। लेकिन जिनका आंगन ही न हो वो क्या सजाएंगे? अयोध्या की गलियां छानने के बाद मैं पहुंचा, उन 40 माताओं के आश्रम में जहां सब एक साथ आग तापने का काम कर रही थीं। गेट पर ताला था, आग्रह किया और बताया कि मैं आपसे बात करना चाहता हूं। इन्हीं माताओं के बीच नीलम श्रीवास्तव जी (अधीक्षक) से मुलाकात हुई। उन्होंने वृद्धा आश्रम में आने और उन महिलाओं से बात करने का अवसर प्रदान किया। मैं अपने सवालों को लेकर थोड़ा असहज था, क्योंकि जब कोई इतना कष्टकारी जीवन व्यतीत कर रहा हो तो ऐसे में खुशी का सवाल पूछने में छिछक महसूस हो रही थी। भले ही वो सवाल भगवान राम से ही जुड़ा क्यों न हो।