न तो बेड मिल रहे है, ना तो ऑक्सीजन और ना ही होस्पिटल में जगह
न तो बेड मिल रहे है, ना तो ऑक्सीजन और ना ही होस्पिटल में जगह

कानपुर:न तो बेड मिल रहे है, ना तो ऑक्सीजन और ना ही होस्पिटल में जगह।अब तो गम्भीर मरीज को वेंटिलेटर के लिए भी भटकना पड़ेगा..जी हा बात करे एशिया के सबसे बड़े हॉस्पिटल हैलेट की तो यहां पर 3 दिन से कोविड के 34 वेंटिलेटर खराब पड़े है जिन्हें अभी तक ठीक नही कराया जा सका, ऐसे में मरीज की जान बचाना और मुश्किल हो गया है। इन अव्यवस्थाओ ने शासन आई प्रशासन की पोल खोलकर रख दी हैहैलेट हॉस्पिटल में कोविड के 120 वेन्टीलेर है।जिससे कि गंभीर मरीजो को बचाया जा सके, लेकिन 34 वेंटिलेटर खराब हो चुके है, जिसे बीते हुये 3 दिन हो गए।मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और प्रशासन को जानकारी है, लेकिन अभी तक ठीक नही हो सके।
पावर की कमी है,स्टाफ है नहीं जिसकी जानकारी शासन, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को है..लेकिन कुछ भी बेहतर नहीं हुआ ।प्रमुख अधीक्षक हैलेट ने बताया कि यदि बेड बढ़ा भी दे तो ऑक्सीजन नही पहुंच सकती है, वहाँ तक उसके लिए सिलेंडर चाहिए लेकिन वह भी उपलब्ध नही है ,ऐसे में डॉक्टर और जो कर्मचारी काम मे लगे है वह भी क्या करें।