गोरखपुर आवासीय के बीच फैक्ट्रियां, सांसों में घुटन ग्रामीण परेशान
आवासीय के बीच फैक्ट्रियां, सांसों में घुटन ग्रामीण परेशान औद्योगिक विकास प्राधिकरण गिड़ा ने ग्रामीणों के जमीन को एक्वायर किया एक्वायर करते समय शासन का दिशा निर्देश पर था कि यह रोजगार मिलेगा लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि रोजगार तो नहीं मिला राखी जरूर मिल रही है

गोरखपुर ; आवासीय के बीच फैक्ट्रियां, सांसों में घुटन ग्रामीण परेशान औद्योगिक विकास प्राधिकरण गिड़ा ने ग्रामीणों के जमीन को एक्वायर किया एक्वायर करते समय शासन का दिशा निर्देश पर था कि यह रोजगार मिलेगा लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि रोजगार तो नहीं मिला राखी जरूर मिल रही है फैक्ट्री के चलने से हम लोग को जीना हराम हो गया है सांस में घुटन हो रही है यह बहुत भारी समस्या हो गई है हम लोग मारे कीजिए इसके लिए शिकायत किया लेकिन ना तो शासन सुदी ले रहा है ना तो फैक्ट्री के जिम्मेदार अधिकारी की बात करेंगे हम गोरखपुर जिले के सहजनवा औद्योगिक विकास प्राधिकरण गीडा की गोरखपुर का बदल रहा स्वरूप रोजगार के लिए सरकार सहजनवा में फैक्ट्री का कतार लगने में लगी है जिससे लोगों को रोजगार मिले लेकिन आवासियों के बीच फैक्ट्रियां लोगों को सांस लेना दुस्वार कर दिया सांसों में घुटन तो मकान की छत पर राख की परत लगे में देरी नहीं लग रहा है शराब फैक्ट्री से लेकर बात गैलेंट और अंकुर की तो हद हो गई है आकाश में काला धुआं छत पर राख से सांस लेने में घुटन लोग बेहाल। ग्रामीणों के विरोध पर भी जिम्मेदारों के कान तक घुटन की आवाज नहीं पहुंच रही है सरकार जहां किसानो की पराली जलाने से वायुमंडल दूषित की बात करती है तो वही सरकार भूल जा रही है कि आवासियों के बीच फैक्ट्रियां की धुंआ से लोगों को प्रदूषण कैसे शुद्ध मिलेगा दिन में ही देखा जाए तो आसमान में कार्बन डाइऑक्साइड की धुएं गुब्बारे उड़ते दिखाई देते हैं और रात में छतो पर राख की परत जमी दिखाई देती है तो ऐसे में सांसों में लोगों की जिंदगी में कितनी शुद्ध है , लोगों का जीवन खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है फैक्ट्रीय लगना भी जरूरी है लेकिन आवासियों के बीच फैक्ट्रियां ऐसी नहीं लगाई जाए जिससे लोगों के सांस लेने में दिक्कत हो लेकिन आनन फानन में अंकुर और गैलेंट ,शराब फैक्ट्री को लगा दिया गया लेकिन आवसीय कस्बा पर धयान नही दिया गया। लोगों की मानना है कि सरकार अच्छा काम कर रही है लेकिन आवासियों के बीच आइस फैक्ट्री को नहीं देना चाहिए जिससे लोगों को जीना दुश्वार हो जाए फैक्ट्री में लोगों की नौकरी मिल जा रही है लेकिन फैक्ट्री के साथ लोगों का जीना भी दुश्वार है वही जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि आवासियों के बीच में ऐसी फैक्ट्री नहीं लगनी चाहिए जहां लोगों को सांस लेने में दिक्कत है लेकिन अब तो लग गय शासन को ही करना होगा हम अधिकारी सिर्फ जांच कर सकते हैं वहीं प्रदूषण नियंत्रण के अधिकारियों ने बताया की फैक्ट्रियां लगने से रात गिरती है तो स्वाभाविक है सांसों में भी है कार्बन डाइऑक्साइड जाएगी और उनको नुकसान करने की चांसेज अधिक है अगर ऐसी फैक्ट्री की शिकायत मिल रही है तो विभाग जांच करेगा आवासीय लोगों की पीड़ा को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेगा वही जिम्मेदार फैक्ट्री के मालिक भी लोगों के विरोध पर कुछ भी संज्ञान नहीं लेते हैं क्योंकि उनको अपनी ही फैक्ट्री चलानी है और लोगों को जिंदगी को क्या देखना है यह तो सरकार की बात है सरकार स्वीकृति दी है तो फैक्ट्रियां लगी है ऐसे में अगर फैक्ट्रियां आवासीय के बीच खड़ी होती जाएगी एक दिन दूर नहीं लोग साथ लेने के लिए जूझते रहेंगे और मौत के कगार पर पहुंच पहुंच जाएंगे हेलो कोर्ट की राजनीति करते रहेंगे।