गुजरात चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड का दांव खेल सकती है
भाजपा सरकार समिति बनाने की तैयारी में

गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड का दांव खेल सकती है… सूत्रों के मुताबिक सरकार एक कमेटी गठित कर सकती है, ये कमेटी समान नागरिक संहिता की संभावनाएं तलाशेगी… इसके लिए विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन किया जाएगा… हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे…गुजरात के गृहमंत्री ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है… जानकारी में मुताबिक इस मामले में वह दोपहर तीन बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे.
पता चला है कि आज कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड की तर्ज पर हाई

कोर्ट के रिटायर्ड की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा… दोपहर तीन बजे गुजरात के गृहमंत्री विस्तार से जानकारी देंगे… इससे पहले उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड की घोषणा की जा चुकी है… इतना ही नहीं सरकार बनने के बाद इसे लागू भी किया गया था…
जाति, धर्म से परे कानून सबके लिए एक है…. शादी, तलाक, एडॉप्शन, उत्तराधिकार, विरासत लेकिन सबसे बढ़कर लैंगिक समानता वो कारण है, जिससे यूनिफार्म सिविल कोड की आवश्यकता महसूस की जाती है… यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम… भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. समान नागरिक संहिता जिस राज्य में लागू की जाएगी वहां सभी धर्मों के लिए एक कानून लागू होगा…


