रुपये लेकर आरक्षण बदलने के मामले में डीपीआरओ पर नही हुई कोई कार्यवाही , बावजूद गलत जारी किए गए आरक्षण पर ब्लाक में बिक रहे पर्चे।
रुपये लेकर आरक्षण बदलने के मामले में डीपीआरओ पर नही हुई कोई कार्यवाही , बावजूद गलत जारी किए गए आरक्षण पर ब्लाक में बिक रहे पर्चे।

कानपुर देहात: रुपये लेकर आरक्षण बदलने के मामले में डीपीआरओ पर नही हुई कोई कार्यवाही , बावजूद गलत जारी किए गए आरक्षण पर ब्लाक में बिक रहे पर्चे।कानपुर देहात के मलासा ब्लाक में क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिये बीडीओ ने 2015 की अनन्तिम आरक्षण सूची जारी की थी जिसके बाद जनपद के डीपीआरओ अनिल सिंह ने बिना किसी दावा आपत्ति के रुपये लेकर अंतिम आरक्षण सूची बदलकर जारी कर दी थी जिसमे मलासा ब्लाक के 39 गांवों का आरक्षण बदल दिया गया था । मीडिया के संज्ञान में मामला आने के बाद जनपद के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया था। और आनन फानन में जिलाधिकारी के निर्देश पर डीपीआरओ कार्यालय के लिपिक एडीपीआरओ और मलासा ब्लाक के एडीओ पंचायत को निलंबित कर दिया था। वही डीपीआरओ द्वारा बदलकर अंतिम आरक्षण जारी करने से मलासा ब्लाक के क्षेत्र पंचायत प्रत्याशी गलत आरक्षण जारी होने से असमंजस की स्थित में है ।
ब्लाक से बदले हुए आरक्षण पर पर्चे खरीदने को मजबूर हो रहे है । शिकायतकर्ता द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की गई है बावजूद इसके मलासा ब्लाक के जारी किए गए आरक्षण पर कोई सुधार नही किया गया है। इससे शासन की मंशा और जिला निर्वाचन अधिकारी की कार्यशैली से साफ जाहिर होता है कि इसी बदले गए आरक्षण पर चुनाव कराए जायेगे और ब्लाक के बहुत से उम्मीदवारों की मंशा पर पानी फेरने का काम करेंगे। वही डीपीआरओ की भूमिका की जांच के लिये जनपद की मुख्य विकास अधिकारी को जांच सौंपी गई है ।25 मार्च को डीपीआरओ द्वारा अंतिम आरक्षण सूची जारी की गई थी इसके बाद भी डीपीआरओ पर अब तक कार्यवाही न करना कही न कही योगी सरकार पर निष्पक्ष चुनाव कराने की प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह लगता नजर आ रहा है। वही डीपीआरओ पर कार्यवाही न होने से शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट जाने की बात कही है।