नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर दिया विवाद बयान, कहा- ‘कारसेवकों पर गोली चलाने का फैसला सही…
नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर दिया विवाद बयान, कहा- 'कारसेवकों पर गोली चलाने का फैसला सही..

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज जिले में कहा कि कार सेवकों (Car Sevak) पर जो गोलियां चलाई गई थी वो फैसला सही था। उन्होंने कहा कि उस समय की यूपी सरकार (UP Government) ने अमन और चैन के लिए गोलियां चलवाईं थी। गोलियां चलाकर सरकार ने अपने फर्ज निभाया था। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के कार सेवकों के ऊपर दिए गए इस बयान ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को नया मुद्दा दे दिया है।
कारसेवकों पर गोली संविधान बचाने के लिए चलवाई गई: स्वामी प्रसाद मौर्य
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिस समय अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी, बिना न्यायपालिका के किसी निर्देश के, बिना किसी आदेश के अराजक तत्वों ने जो तोड़-फोड़ की थी, उसपर तत्कालिन सरकार ने संविधान की, कानून की रक्षा के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी वह सरकार का अपना कर्तव्य था, उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया था।
जानिए, कब चली थी कारसेवकों पर गोली?
गौरतलब है कि हिंदू साधु-संत अयोध्या कूच कर रहे थे। उन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अयोध्या पहुंचने लगी थी। प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगा रखा था, जिसके चलते श्रद्धालुओं को प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा था। पुलिस ने बाबरी मस्जिद के 1.5 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर रखी थी। इसी दौरान वहां पर कारसेवकों की भीड़ बेकाबू हो गई। पहली बार 30 अक्टबूर, 1990 को कारसेवकों पर चली गोलियों में 5 लोगों की मौत हुई थीं। इस घटना के बाद अयोध्या से लेकर देश का माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया था। इस गोलीकांड के 2 दिन बाद ही 2 नवंबर को हजारों कारसेवक हनुमान गढ़ी के करीब पहुंच गए, जो बाबरी मस्जिक के बिल्कुल नजदीक था।