
उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में यमुना नदी उफान में आने के बाद खतरे के निशान से ऊपर से बह रही है जिसके कारण यमुना नदी के किनारे बसे कई गांवों को चपेट में ले लिया है। गाँवों में पानी घुस गया है ग्रामीणों का घर जलमग्न हो चूके हैं। जल अस्तर बढ़ने के कारण लोग घर द्वार छोड़कर दूसरे ठिकानों में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। गाँव में जलभराव होने के कारण ग्रामीण नावों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर किसानों की बात की जाए तो बाढ़ आने से सैकड़ो बीघा खेत जलमग्न हो गया है। जिससे किसानों की तिल्ली, बाजरा, ज्वार, अरहर, मूंग, उरद, व गन्ना के साथ साथ अन्य फसल भी बर्बाद हो गयी है। जिससे किसान भुखमरी के कागार पर आ गए हैं। किसानों की माने तो साल भर की मेहनत पूरी चौपट हो गयी है अब स्थिति यह है कि हमलोग पूरी तरह से भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। जिला प्रशासन से हम यह मांग करते हैं की हमरी जो भी फसल बर्बाद हुई है उसका उचित मुआवजा हमलोगों को दिया जाए। वहीँ इस मामले में जिला अधिकारी संजीव कुमार का कहना है की बाढ़ के पानी से किसानो की 550 हेक्टेयर खेतों में जलभरव हो गया। जिसका सर्वे जिला प्रशासन द्वारा करा लिया गया है। जो भी किसानो की फसल बर्बाद हुई है उसे उचित मुआवजा दिया जाएगा।