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यमुना-चंबल के बीहड़ों से निकलकर ‘बैंडिट क्वीन’ ने मीरजापुर को बनाई कर्मभूमि फूलन देवी की पुण्‍यतिथि

यमुना-चंबल के बीहड़ों से निकलकर 'बैंडिट क्वीन' ने मीरजापुर को बनाई कर्मभूमि फूलन देवी की पुण्‍यतिथि

यमुना-चंबल के बीहड़ों से निकलकर ‘बैंडिट क्वीन’ ने मीरजापुर को बनाई कर्मभूमि फूलन देवी की पुण्‍यतिथि

मीरजापुर जिले की सांसद रहीं दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने चुनाव जीत
कर जनता के बीच अपनी अलग छवि बनाई थी।फूलन देवी ने शायद
कभी सोचा भी नहीं होगा कि बंदूक छोड़कर उनका सियासी सफर संसद तक तय हो सकता है।
दस्यु सुंदरी फूलन देवी जब मीरजापुर से चुनाव लडऩे पहुंची तो
उनकी पहचान बीहड़ की एक खूंखार डकैत से ज्यादा कुछ नहीं थी।

वह 1996 में मीरजापुर- भदोही से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी बनीं
तो यहां की जनता ने उन्हें जीत का तोहफा देकर संसद का रास्‍ता भी दिखाया।
इस दौरान उन्होंने लगभग एक लाख मतों से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त को दोबारा शिकस्त दी।
उनके संसदीय कार्यकाल के दौरान उनकी सहजता और सर्वसुलभ होने की चर्चा आज भी लोगों की जुबां पर है।

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