
यूपी सरकार के अति महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शुमार 1320 मेगावाट की ओबरा सी तापीय परियोजना की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई से शुक्रवार की देर रात उत्पादन शुरू हो गया।ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ाए गए कदमों को नया मुकाम हासिल हुआ। प्रदेश सरकार के अति महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शुमार 1320 मेगावाट की ओबरा सी तापीय परियोजना की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई से शुक्रवार की देर रात उत्पादन शुरू हो गया। इकाई के उत्पादन शुरू होते ही अभियंताओं ने इसे रात 8:32 बजे ग्रिड से जोड़ दिया।
लखनऊ से आई टीम ने की मानीटरिंग
उत्पादन प्रक्रिया शुरू कराने के लिए लखनऊ की टीम शुक्रवार को ही पावर प्लांट में पहुंच गई थी और देखरेख शुरू कर दी थी। रातभर यह टीम मानीटरिंग करती रही। मानीटर पर जब बिजली ट्रांसफर की गई तो कंट्रोल रूम में उत्साह का माहौल नजर आया।
निर्बाध रूप से काम कर रहा कोल प्लांट
तापीय परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा कोल प्लांट अब पूरी तरह से सफलता पूर्वक काम कर रहा है। शुरूआत में थोड़ी बाधाएं आईं थीं, लेकिन वे दूर कर ली गईं। कोल स्टेशन से वायलर तक बेल्ट के जरिए कोयला पहुंच रहा है। कोयला की पिसाई से लेकर बेल्ट संचालन तक फिलहाल कोई बाधा टीम को नजर नहीं आई।
अब रैक का इंतजार
विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक ने शुक्रवार को पावर प्लांट का स्थलीय निरीक्षण किया था। इस दौरान रेलवे ट्रैक पर काम भी देखा। इंजीनियरों से कहा गया कि शीघ्र से शीघ्र रेल संचालन शुरू कराएं ताकि कोयला की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहे। निरंतर कोयला जलने से स्टाक कम होगा, इसलिए निर्बाध आपूर्ति आवश्यक है।
पीएम से उद्घाटन कराने की तैयारी
जवाहर तापीय परियोजना में बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है, लेकिन अभी विधि-विधान से उद्धाटन नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उद्घाटन कराने की तैयारी है। पावर प्लांट से लेकर विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारी प्रधानमंत्री का समय लेने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए पीएमओ से भी संपर्क किया गया है। फिलहाल यह माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री वर्चुअल उद्घाटन कर सकते हैं। हालांकि अभी तिथि तय नहीं हुई है।
यह है परियोजना
- जवाहर तापीय विद्युत परियोजना को वर्ष 1996 में मंजूरी मिली थी।
- इसके बाद वर्ष 2016 में निर्माण शुरू हुआ, जो अभी पूरा नहीं हो पाया है। आगे भी जारी रहेगा।
- यह परियोजना 16 हजार करोड़ रुपये कुल लागत की है।
- 38 मिलियन टन कोयला की खपत प्रति वर्ष की जाएगी।
‘जवाहर तापीय परियोजना में विद्युत उत्पादन शुरू हो चुका है। फिलहाल धीमी गति से बिजली बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। धीरे-धीरे उत्पादन क्षमता बढ़ाएंगे। पहले दिन 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया जो ग्रिड को भेज दी गई।’ – अजय कटियार, महाप्रबंधक जवाहर विद्युत तापीय परियोजना