मध्य प्रदेश में लगती है नागों की अदालत नाग आकर बताते हैं पूर्व जन्म की कहानी
मध्य प्रदेश में लगती है नागों की अदालत नाग आकर बताते हैं पूर्व जन्म की कहानी

मध्य प्रदेश में लगती है नागों की अदालत नाग आकर बताते हैं पूर्व जन्म की कहानी
मध्यप्रदेश के कई जिलों में दिवाली के अगले दिन नागों की अदालत लगती है।
जहां मान्यता है कि नाग आकर खुद बताते हैं कि उन्होंने अगर किसी को डसा है तो क्यों डसा है और पूर्व जन्म की कहानी भी बताते हैं।
ये नजारा मध्यप्रदेश के सिहोर जिले स्थित लसुडिया परिहार गांव की है।
यहां दिवाली के अगले दिन नागों की अदालत लगती है।
दरअसल, मंदिर परिसर में कुछ लोग एक हांडीनुमा बर्तन को ढककर पीटते रहते हैं और नाग देवता की अराधना करते हैं।
हांडी पर नाग देवता की तस्वीर भी है। जहां हांडी रखी है उसके सामने ही सर्पदंश के शिकार व्यक्ति को तीन चार लोग पकड़कर बिठाए रहते हैं।
नागदेवता के अराधना के दौरान ही सर्पदंश की शिकार महिला तड़फड़ाते हुए उठ जाती है। उसके बाद लोग कहते हैं कि इसके अंदर नाग देवता प्रवेश कर गए। मान्यता के अनुसार जब महिला के अंदर नाग का प्रवेश हो जाता है। वहां बैठे ओझा उनसे बात करते हैं और इस दौरान कहते हैं हनुमान जी के दर्शन कर यहां से चले जाओ। क्यों परेशान कर रहे हो। पूरे दिन ऐसा ही नजारा वहां चलते रहता है। इस दौरान एक महिला बताती है कि मैं पूर्व जन्म में पुरुष था और अपनी पत्नी को मार दिया था। इस अदालत में हर साल वहीं लोग आते हैं जिन्हें सालभर के अंदर ही सांप काटा हो। इस बार भी करीब दर्जनों लोग यहां पहुंचे। यहां आए लोग इस कदर अंधविश्वास के शिकार हैं। नागों की अदालत में अपनी पत्नी को लेकर आए एक शख्स कहता है कि मेरी पत्नी को सांप ने काट लिया था। उसके बाद मैं हनुमान मंदिर से धागा लाकर उसे बांध दिया, वह उसके बाद से स्वस्थ्य है। आज नागों की अदालत में लाकर उसका धागा कटवा दिया। इसके साथ ही लोग सांप से वचन लेते हैं कि वह उनको दोबारा न काटें। मंदिर के पुजारी अंधविश्वास जैसी चीजों को खारिज करते हैं। वह कहते हैं कि यह कोई अंधविश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि साधित मंत्रों के जरिए सांप के जहर को उतारते हैं। साथ ही वह इसके लिए धार्मिक ग्रंथों का भी जिक्र करते हैं। उनका दावा है कि यहां आने वाले सभी लोग ठीक होकर जाते हैं।