प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले बढ़ी श्रीरामचरितमानस की मांग, 50 साल में पहली बार गीता प्रेस में खत्म हुआ स्टॉक…
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले बढ़ी श्रीरामचरितमानस की मांग, 50 साल में पहली बार गीता प्रेस में खत्म हुआ स्टॉक...
गोरखपुर धार्मिक पुस्तकों के सबसे बड़े प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर में तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस की कमी हो गई है। अयोध्या में 22 जनवरी को राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले धार्मिक पुस्तक की मांग बढ़ गई है। पिछले 50 साल में पहली बार ऐसा है, जब गीता प्रेस को रामचरितमानस की प्रतियां छापने के लिए दिन-रात प्रेस चलानी पड़ रही है।
गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि त्रिपाठी ने शुक्रवार को बताया कि जब से रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख की घोषणा हुई है, सुंदर कांड और हनुमान चालीसा के साथ-साथ रामचरितमानस की मांग बढ़ गई है। पिछले वर्षों में हम हर महीने रामचरितमानस की लगभग 75,000 प्रतियां प्रकाशित कर रहे थे। अब एक लाख प्रतियां छाप रहे हैं, इसके बावजूद प्रेस में कोई स्टॉक नहीं बचा है
20 जनवरी तक पूरा होगा फिनिशिंग का काम
अयोध्या में 32,000 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं की घोषणाएं की गई है, जिसमें से 22,107 करोड़ की परियोजनाओं का काम तेजी से चल रहा है। कुल 103 प्रोजेक्ट पर 30 से ज्यादा एजेंसियां काम कर रही हैं। इन प्रोजेक्ट में श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र के ‘कोर जोन’ की योजनाएं पूरी हो गई है। इंजीनियर और श्रमिक रात-दिन काम कर रहे हैं। फिनिशिंग का काम 20 जनवरी तक पूरा हो जाने की उम्मीद हैं।