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कानपुर में अखिलेश दुबे के साथ खेला ‘भ्रष्टाचार का खेल’, कौन हैं CO ऋषिकांत शुक्ला, जो हुए सस्पेंड?

कानपुर के चर्चित वकील अखिलेश दुबे के करीबी सीओ ऋषिकांत शुक्ला को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. एसआईटी की रिपोर्ट में 100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है.

Kanpur Desk; 

कानपुर के चर्चित वकील अखिलेश दुबे के करीबी सीओ ऋषिकांत शुक्ला को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. एसआईटी की रिपोर्ट में 100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है.
कानपुर के चर्चित वकील अखिलेश दुबे के करीबी माने जाने वाले सर्किल ऑफिसर (CO) ऋषिकांत शुक्ला पर भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोपों के बाद बड़ा एक्शन हुआ है. शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही, विजिलेंस विभाग ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है. यह कार्रवाई एसआईटी (विशेष जांच दल) की उस रिपोर्ट के बाद की गई है जिसमें खुलासा हुआ कि शुक्ला ने दुबे गिरोह के साथ मिलकर फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर निर्दोष लोगों को जेल भेजा और उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर लिया.
ऋषिकांत शुक्ला वर्तमान में मैनपुरी के भोगांव क्षेत्र में तैनात थे, लेकिन उनका असली ‘भ्रष्टाचार नेटवर्क’ कानपुर में ही संचालित होता था. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वे 1998 से 2006 और फिर दिसंबर 2006 से 2009 तक कानपुर में पदस्थ रहे. इस अवधि में उन्होंने वकील अखिलेश दुबे और उनके साथियों के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह तैयार किया, जो लोगों को धमकाकर, फर्जी केसों में फंसाकर और संपत्तियां हड़पकर मोटी कमाई करता था. जांच में यह भी सामने आया कि शुक्ला के करीबी कई अधिकारी कानपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (KDA) और पुलिस विभाग में भी पदस्थ थे, जो इस गिरोह को संरक्षण देते थे.

100 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां

एसआईटी जांच के अनुसार, ऋषिकांत शुक्ला और उनके परिवार, सहयोगियों व साझेदारों के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों का पता चला है. इनमें से 92 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 12 संपत्तियों की पुष्टि की जा चुकी है, जबकि तीन और संपत्तियों के दस्तावेजों की जांच जारी है. जानकारी के मुताबिक, ये सभी संपत्तियां शुक्ला के पैन कार्ड से लिंक हैं. खास तौर पर, कानपुर के आर्यनगर इलाके में 11 दुकानें उनके साथी देवेंद्र दुबे के नाम पर दर्ज हैं, जिन्हें जांच एजेंसियां ऋषिकांत शुक्ला की बेनामी संपत्ति मान रही हैं.
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस नेटवर्क ने कई निर्दोष नागरिकों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर उनकी जमीनें हड़प लीं. पुलिस कमिश्नरेट की जांच में यह भी सामने आया कि अखिलेश दुबे और शुक्ला की साझेदारी सिर्फ कानूनी मामलों तक सीमित नहीं थी — दोनों ने मिलकर ब्लैकमेलिंग, वसूली और कब्जे का संगठित रैकेट चलाया.

बेनामी संपत्तियों की जांच तेज
सोमवार को प्रमुख सचिव (सतर्कता विभाग) के माध्यम से शासन ने ऋषिकांत शुक्ला के निलंबन का आदेश जारी किया. इससे पहले कानपुर पुलिस कमिश्नर ने 10 और 15 सितंबर को इस मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट एडीजी (प्रशासन) को सौंपी थी, जिसके आधार पर 18 सितंबर को शासन स्तर पर कार्रवाई की गई. अब विजिलेंस विभाग उनके बैंक खातों, निवेशों और बेनामी संपत्तियों की गहन जांच कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में ऋषिकांत शुक्ला की गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्की की कार्रवाई भी संभव है.

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