
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र नरसंहार पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सोनभद्र का विवाद कांग्रेस के समय में शुरू हुआ था। 1955 में जमीन की हेराफेरी की गई थी। हमने सोनभद्र की स्थिति का जायजा लिया और मामले की जांच करवाई। मामले में सपा व कांग्रेस के नेता शामिल थे। मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि मामले में एसआईटी गठित की गई है। जो भी दोषी है उसे बख्शा नहीं जाएगा।
इसके पहले, सोनभद्र में जमीन विवाद में 10 लोगों की हत्या के बाद शासन से गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शनिवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। समिति ने इस मामले में राजस्व, सहकारिता व पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की कदम-दर-कदम मनमानी की पुष्टि की है। साथ ही विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले की विस्तृत जांच या अन्य उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की थी।
रिपोर्ट में सोनभद्र में जमीन हड़पने का पूरा खेल सरकारी तंत्र व प्रभावशाली नेताओं की मिलीभगत का नतीजा बताया गया है।