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सड़कों के किनारे सजीं दुकानें, भगवा झंडों की बढ़ी डिमांड, प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में बढ़ी रौनक…

सड़कों के किनारे सजीं दुकानें, भगवा झंडों की बढ़ी डिमांड, प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में बढ़ी रौनक...

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, भगवान राम, भगवान हनुमान और निर्माणाधीन भव्य मंदिर की छवियों वाले भगवा झंडों की मांग कई गुना बढ़ गई है। चूंकि 22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के दिन अयोध्या वस्तुतः किले में तब्दील हो जाएगी, इसलिए आसपास के जिलों से श्रद्धालु राम लला के ‘दर्शन’ के लिए जल्दी पहुंच रहे हैं और इन ध्वजों के अलावा भगवान राम के नाम और चित्र वाले अन्य सामान भी खरीद रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर होने जा रहे भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। भव्य आयोजन में दो सप्ताह से भी कम समय बचा है, और अयोध्या में धार्मिक उत्साह का माहौल है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘‘अयोध्या राममयी हो रही है।” स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, भगवान राम और निर्माणाधीन राम मंदिर की छवि वाले भगवा झंडों के साथ ही अक्सर कारों की पिछली विंडशील्ड पर देखे जाने वाले ‘जय श्रीराम’ के नारे और भगवान हनुमान की छवि की काफी मांग है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि राम मंदिर मुद्दे पर 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से भगवा झंडों की मांग बढ़ रही है।

लोग पहले ऐसे झंडे नहीं लगात थे
रामपथ पर एक रेस्तरां चलाने वाले प्रदीप गुप्ता ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताहों में और विशेष रूप से नये राम मंदिर में होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के कारण, इसकी मांग बहुत है।” उन्होंने कहा, ‘‘भगवान राम और निर्माणाधीन राम मंदिर की छवि वाले भगवा झंडे, विशेष रूप से श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।” उन्होंने यहां बताया कि पहले लोग अपने घरों की छतों पर ऐसे झंडे नहीं लगाते थे, लेकिन अब ये झंडे हर जगह देखे जा सकते हैं, खासकर घरों पर।

शीर्ष अदालत ने एक सदी से भी अधिक पुराने विवादास्पद मुद्दे का निपटारा करते हुए एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया था और फैसला सुनाया था कि शहर में मस्जिद के लिए पांच एकड़ का वैकल्पिक भूखंड खोजा जाना चाहिए। फैजाबाद शहर के सहादतगंज और लता मंगेशकर चौक के बीच 13 किलोमीटर लंबे पुनर्विकसित रामपथ पर चलते हुए, सड़क के दोनों ओर विभिन्न दुकानों के बगल में और नव निर्मित पैदल यात्री मार्गों पर झंडों के भंडार देखे जा सकते हैं।

स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि झंडे विभिन्न आकारों में हैं और इनकी कीमत 50 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में शुरू हुए कई अनुष्ठानों और ‘शोभा यात्राओं’ के कारण भी इनकी मांग बढ़ी है। बृहस्पतिवार को, पीले कपड़े पहने सैकड़ों महिलाओं ने शहर के मध्य में एक ‘शोभा यात्रा’ में भाग लिया। इनमें से कई महिलाओं ने भगवा झंडे लिए हुए थे।

जौनपुर के राज कुमार दुबे ने कहा कि वह एक स्थानीय ग्रामीण निकाय के सदस्य हैं और आगामी समारोह को लेकर बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा, ”मैं इन झंडों को घर ले जाने के लिए खरीद रहा हूं। हम इन्हें गांवों में वितरित करेंगे और मैं ऐसा इसलिए करूंगा क्योंकि यह मेरे लिए खुशी की बात है।” गोंडा से आयीं सुभया शुक्ला ने कहा कि उन्होंने घर लौटने पर अपने घर की छत पर फहराने के लिए एक बड़े आकार का झंडा खरीदा है। दुकानदारों के अनुसार, राम मंदिर की लकड़ी की प्रतिकृति, धातु की अंगूठियां, लॉकेट और भगवान राम के नाम और छवियों वाली वस्तु की भी अयोध्या में भारी मांग है।

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